प्रत्यूष मिश्रा
बांदा-अतर्रा। । नगर में अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू में बड़े जोरों से किया गया किंतु अब वह केवल रस्म अदायगी भर बन कर रह गया है। यथार्थ में वह अपने उद्देश्यों को प्राप्त नहीं कर सका। पालिका द्वारा शुरुआत में किए गए तमाम दिखावे महज सफेद हाथी बन कर रह गए हैं।
बीते एक माह पूर्व नगर में बड़े ही तामझाम के साथ अतिक्रमण को हटाने का कार्यक्रम प्रारंभ किया गया था कार्य शुरू करने से पहले नगर पालिका द्वारा अतिक्रमण हटाने का सीमांकन किया गया और लगभग एक सप्ताह तक लगातार सीमांकन के आधार पर अलाउंस कर अतिक्रमणकारियों को तदनुसार अपना अपना अतिक्रमण स्वयं हटाने की चेतावनी भी दी गई तत्पश्चात पालिका प्रशासन ने लाव लश्कर के साथ जेसीबी मशीन तथा लगभग आधा सैकड़ा पालिका कर्मियों अधिकारियों अधिशासी अधिकारी एवं राजस्व अधिकारियों के साथ नगर के चैराहे से बांदा की ओर एक पट्टी पर अतिक्रमण हटाने का कार्य शुरू किया गया था कार्य की तेजी देखकर नगर के लोगों द्वारा यह अनुमान लगाया गया अबकी बार तो निश्चित ही नगर से अतिक्रमण हट जाएगा और जनता को जाम के झाम से मुक्ति मिल जाएगी लेकिन अतिक्रमण हटाओ अभियान धड़ाम हो गया। तब से आज तक अतिक्रमण हटाओ अभियान थप्प ही पड़ा है। एक पहर चले अतिक्रमण अभियान से जो व्यापारी व आम जनता प्रभावित हुए अभियान रुक जाने के चलते वह भी अपने आप को ठगा सा महसूस करने लगे। बिना मानक की शुरू किए गए इस अभियान को समुचित रूप देने के लिए जन उद्योग व्यापार संगठन के अध्यक्ष श्री कांत गुप्ता के नेतृत्व में उप जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर उचित मानक तय कर अभियान पुनः प्रारंभ करने की मांग की गई है अतिक्रमण हटाने का कार्य तब तक रूप नहीं ले सकता जब तक नगर में पार्किंग एवं हथेलिया दुकानदारों के लिए अलग से खड़े होने की व्यवस्था खड़े होने के स्थान की व्यवस्था नहीं की जाती टेलीफोन विद्युत खंभों सहित अनुरोध को तय मानक तक नहीं हटा दिए जाते मुख्य मार्गों को जोड़ने वाली सड़क तेल गली चूड़ी गली आदि का अतिक्रमण भी इसी तरह के हटाना चाहिए विदित हो कि नगर में इस तरह के अतिक्रमण हटाने की अभियान अनेकों बार समय-समय पर चलाए गए परंतु आज तक नगर अतिक्रमण मुक्त नहीं हो सका अतिक्रमण हटाने के बाद पुनः अतिक्रमण ना हो इसकी भी व्यवस्था पालिका व स्थानीय प्रशासन को करनी चाहिए आम जनता यह महसूस करती है कि अतिक्रमण हटना ही चाहिए ताकि आवागमन सुगम हो आए दिन लगने वाले जाम के झाम से मुक्ति मिले एंबुलेंस जैसे वाहनों को बिना अवरोध आने जाने की सुविधा हो अकारण दुर्घटनाओं से लोग बच सकें शासन की मंशा तो सुबह से अतिक्रमण पूर्णतया हटाने की है किंतु नगर में यह पूर्णतया संकल्प एवं दृढ़ इच्छा शक्ति पर ही निर्भर करता है इसके साथ ही पालिका प्रशासन व स्थानीय प्रशासन की कार्यकर्ता आवश्यक होग।
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