आफ़ताब फ़ारूक़ी
शिया मुसलमानों के वरिष्ठ धर्मगुरू आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली सीस्तानी ने इराक़ में अपने सैनिकों को बाक़ी रख कर ईरान पर नज़र रखने संबंधी अमरीकी राष्ट्रपति के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है।
उन्होंने बुधवार को इराक़ के मामलों के संबंध में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव की नई प्रतिनिधि जिनाइन हेनिस प्लासचेर्ट से मुलाक़ात में कहा कि इराक़, अन्य देशों को नुक़सान पहुंचाने के लिए किसी का भी अड्डा नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि इराक़ सभी पड़ोसी देशों व सरकारों के साथ अच्छे, संतुलित, परस्पर शांति व हितों के आधार पर और हस्तक्षेप या संप्रभुता व स्वाधीनता के उल्लंघन से दूर रहते हुए संबंध रखना चाहता है। इराक़ के वरिष्ठ धर्मगुरू आयतुल्लाहिल उज़मा सीस्तानी ने बल देकर कहा कि इराक़, अन्य देशों को क्षति पहुंचाने की छावनी नहीं बनेगा।
आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली सीस्तानी ने का यह बयान, अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के कुछ ही दिन पहले के उस बयान के बाद सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि वाॅशिंग्टन इराक़ के अलअम्बार प्रांत में स्थित अपनी छावनी के माध्यम से ईरान व पूरे क्षेत्र पर नज़र रखेगा। उनके इस बयान पर इराक़ के राष्ट्रपति बरहम सालेह, प्रधानमंत्री आदिल अब्दुल महदी और संसद सभापति मुहम्मद अलहलबूसी ने भी कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए, पड़ोसी देशों के ख़िलाफ़ इराक़ की धरती के इस्तेमाल को इराक़ के संविधान और संप्रभुता का उल्लंघन बताया था।
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