तारिक आज़मी
राफेल मुद्दा जितना राजनितिक गलियारे में गर्म नही होगा उससे कही ज्यादा सर्द रातो में गर्मागर्म बिस्तर पर, चाय पान के नुक्कड़ पर और सोशल मीडिया पर गर्म है। सरकार के समर्थक सरकार के तरफ से लड़ते लड़ते थक चुके थे। तभी सरकार के तरफ से एक संजीवनी के तरह उनको एनर्जी देते हुवे ग्लूकोज़ के डोज़ जैसी घोषणा कर डाली कि सरकार कैग की रिपोर्ट संसद में रखेगी। इसके बाद लगातार सरकार समर्थित लोग हमलावर होने लगे और विपक्ष को शब्दों के बौछार से घायल किये हुवे थे।
काका फिर फायर हो गये। कहने लगे तुम्हारा सोच भी हम देख रहे है कांग्रेसियों वाला होता जा रहा है। देखो भाजपा ने अपना वायदा पूरा कर दिया और कैग की रिपोर्ट संसद में पेश कर दिया। अब उसमे दाम भी लिखा है मगर इस दाम को विपक्ष नही पढ़ पा रहा है तो हम का उसका ठीका लिया है। जाकर कऊनो स्कूल में एडमिशन लेकर इंजीनियरिंग में तीन साल फेल होकर पढ़े समझ जायेगे। हमको बड़ा लोग ताना कस रहे है। हमहू सोच लिया कि जग्गा जासूस से इस दाम को पढवा कर विपक्ष पर तगड़ा राफेल से हमला करूँगा। इतना कहते हुवे काका ने तीनो प्रिंट आउट हमारे हाथ में दे दिया। हम भी रिपोर्ट को ईम्मे उम्मे पास होकर भी ढंग से समझ न पाए।
वैसे समझा जाने हेतु उतना समझदार होने की आवश्यकता होती है। अब ऊ समझदारी कहा से लाये तो समझ गये कि ई तो गुरु गजब होई गवा। राफेल पर कैग की रिपोर्ट तो आई।मगर सार्वजनिक होकर भी गोपनीय नज़र आई। अभी तक दि वायर और हिन्दी में गोपनीय रिपोर्ट सार्वजनिक हो रही थी। मगर आज सार्वजनिक होकर भी रिपोर्ट के कई अंश गोपनीय नज़र आए। सीएजी ने यूरो और रुपये के आगे संख्या की जगह अंग्रेज़ी वर्णमाला के वर्म लिखे हैं। इस तरह रिपोर्ट पढ़ते हुए आपको ये तो दिखेगा कि मिलियन और बिलियन यूरो लिखा है। मगर मिलियन के आगे जो कोड इस्तमाल किए हैं उसे पढ़ने के लिए वाकई जग्गा जासूस को हायर करना पड़ेगा। या फिर कमरुनिया की अम्मा को दिखाना पड़ेगा ई रिपोर्ट, आप पेज 120 और 121 पर जाकर देखिए। राफेल विमान कितने में खरीदा गया, कितने का प्रस्ताव था इनकी जगह जो संकेत चिन्ह लिखे गए हैं उन्हें पढ़ने के लिए इंजीनियरिंग में एडमिशन लेकर तीन बार फेल होना ज़रूरी है।
अब काका दुबारा हमारे ऊपर फायर रहे। बोले कुल तुमका पढ़ाना लिखाना बेकार है। अगर ई भाषा नही पढ़ सकते हो तो का पढ़ सकते हो। अब काका को हम कईसे समझाए कि काका कुल भाषा हमही पढ़ लेते तो बकिया लोग का पढ़ते ईहे बदे ई भाषा हम छोड़ दिया पढना। काका तनक के जा चुके है और हम लगे है अपने काम में। वईसे केहू के ई भाषा आवे है तो हमरे काका से संपर्क तनिक कर लिहे।
Disclaimer – कमरुनिया अथवा कमरुनिया की अम्मा एक काल्पनिक नाम और पात्र है इसका किसी जीवित अथवा मृत व्यक्ति या संस्था से कोई सम्बन्ध नहीं है.
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