आफताब फारुकी
नई दिल्ली. सीने जगत को सबसे अधिक नुकसान पायरेसी ने दिया है। इस हेतु लागू कानून सिनेमैटोग्राफी एक्ट-1952 हेतु प्रस्तावित संशोधनों को कैबनेट की मंजूरी मिल गई है। पायरेसी को रोकने के लिए कैबिनेट ने सिनेमैटोग्राफी एक्ट 1952 में बदलाव को अपनी मंजूरी प्रदान कर दिया है। अब इस मंजूरी के बाद किसी भी फिल्म को गैरकानूनी तरीके से यानि बिना संबंधित व्यक्ति या कंपनी के अनुमति के रिकॉर्ड करना, प्रसारित करना कानूनन जुर्म होगा। अब कोई भी शख्स फिल्मों को इंटरनेट पर नहीं डाल सकेगा।
अंधाधुन हो रही फिल्म की पायरेसी को रोकने के लिए ही सरकार ने सिनेमैटोग्राफी एक्ट 1952 को मंजूरी दे दी है। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जानकारी देते हुए कहा है कि, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने सिनेमैटोग्राफी एक्ट 1952 में बदलाव को मंजूरी दे दी है।
एक्ट के 6 एए में एक नई धारा जोड़ी जाएगी। इसके बाद किसी भी फिल्म को बिना प्रोड्यूसर या कंपनी की अनुमति के रिकॉर्ड करना जुर्म होगा। ऐसा करने पर संबंधित आरोपित को 3 साल की कैद या 10 लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों सजा का प्रावधान होगा।
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