अनिला आज़मी
नई दिल्ली: पुलवामा हमले में पकिस्तान के नापाक हाथो के होने का पुख्ता सबूत हमारे मुल्क के पास है। इस सबूतों के आधार पर हमारे मुल्क का प्रयास रहेगा कि अब पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अलग-थलग कर दिया जाए। इसके लिये काम काम भी शुरू कर दिया है। अब भारत सरकार ने एक और कड़ा कदम उठाते हुये पाकिस्तान से आयातित होने वाले सभी सामानों पर सीमा शुल्क तत्काल प्रभाव से बढ़ाकर 200 फीसदी कर दिया। पाकिस्तान से एमएफएन का दर्जा वापस लिये जाने के बाद वहां से आयात होने वाली सभी वस्तुओं पर 200 फीसदी का सीमा शुल्क तत्काल रूप से लागू हो गया है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने दी है।
उक्त जानकारी को शेयर करते हुवे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि पुलवामा की घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान से व्यापार के लिहाज से सबसे तरजीही देश का दर्जा वापस ले लिया है। इसके बाद पाकिस्तान से भारत में आयात किए जाने वाले सभी तरह के सामान पर सीमाशुल्क तत्काल प्रभाव से बढ़ाकर 200 फीसदी कर दिया गया है।
बताते चले कि एमएफएन का मतलब है मोस्ट फेवर्ड नेशन, यानी सबसे ज्यादा तरजीही दिया जाने वाला देश। विश्व व्यापार संगठन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों के आधार पर व्यापार में एमएफएन का दर्जा दिया जाता है। एमएफएन का दर्जा मिल जाने पर दर्जा प्राप्त मुल्क को इस बात का आश्वासन रहता है कि उसे कारोबार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। एमएफएन का दर्जा कारोबार में दिया जाता है। इसके तहत आयात-निर्यात में आपस में विशेष छूट मिलती है। यह दर्जा प्राप्त देश से कारोबार सबसे कम आयात शुल्क पर होता है। डब्ल्यूटीओ के सदस्य देश खुले व्यापार और बाज़ार से बंधे हैं मगर एमएफएन के क़ायदों के तहत देशों को विशेष छूट दी जाती है। सीमेंट, चीनी, ऑर्गेनिक केमिकल, रुई, सब्जियों और कुछ चुनिंद फलों के अलावा मिनरल ऑयल, ड्राई फ्रूट्स, स्टील जैसी कमोडिटीज़ और वस्तुओं का कारोबार दोनों देशों के बीच होता है।
हकीकत देखे तो कटोरा लेकर भीख मांगने की स्थिति में खड़ा पाकिस्तान इस समय बड़ी आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है और भारत के साथ उसका अच्छा खासा व्यापार होता रहा है। सीमा पर कितना भी तनाव रहा हो लेकिन व्यापार पर कुछ असर नहीं पड़ता रहा है। इस फैसले से पाकिस्तान को आर्थिक चोट पहुंचनी तय है। लेकिन एक पक्ष यह भी कहता है कि भारत अगर मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा खत्म करता है तो हो सकता है कि पाकिस्तान अपनी तरफ से भारत के साथ व्यापार ही रोक दे। ऐसे में घाटा भारत को भी हो सकता है लेकिन पुलवामा जैसी कायर हरकत के बाद ऐसा लग रहा है कि भारत आर्थिक नुकसान सहकर पाकिस्तान को बख्शने के मूड में नहीं है।
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