करिश्मा अग्रवाल
नई दिल्ली: मनी लांड्रिंग मामले में रॉबर्ट वाड्रा शनिवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश हुए। इस दौरान रॉबर्ट वाड्रा के वकील केटीएस तुलसी ने कोर्ट से कहा कि वाड्रा जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। लेकिन ईडी उन्हें जानबूझकर तंग करने में लगा है। उन्होंने कोर्ट से कहा कि ईडी रॉबर्ट वाड्रा से 23 घंटे से ज्यादा की पूछताछ कर उन्हें जानबूझकर प्रताड़ित किया जा रहा है। यह सही नहीं है। वहीं इस मामले में ईडी ने भी कोर्ट के सामने अपना पक्ष लिखा। ईडी ने कोर्ट को बताया कि रॉबर्ट वाड्रा सिर्फ तीन दिन जांच में शामिल हुए। इस दौरान वह अपने साथ भीड़ लेकर आए।
ईडी ने कोर्ट को बताया कि रॉबर्ट वाड्रा हमेशा अपने साथ बारात लेकर आते हैं। साथ हो ईडी ने वाड्रा पर जांच में सहयोग न करने का भी आरोप लगाया। ईडी ने कोर्ट से कहा कि हमें इस मामले में अभी और जांच करनी है। हमें अभी इनसे 4-5 दिन पूछताछ करनी है। गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मनी लांड्रिंग के एक मामले में कोर्ट ने राहत दी थी। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मनी लांड्रिंग के एक मामले में कोर्ट ने रॉबर्ट वार्डा को राहत देते हुए उनकी अंतरिम जमानत याचिका स्वीकार ली थी और उन्हें 16 फरवरी तक गिरफ्तारी से राहत दे दी थी। वाड्रा के वकील केटीएस तुलसी ने कोर्ट को बताया था कि रॉबर्ट 6 फरवरी की शाम को 4 बजे प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के सामने पेश होंगे। राबर्ट वाड्रा को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई थी।
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मनी लांड्रिंग के एक मामले में अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली की एक अदालत का रुख किया था। अभियोजन दल के अधिवक्ता ने पुष्टि की कि वाड्रा ने उस मामले में अग्रिम जमानत मांगी थी, जिसमें उनके करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा को अदालत ने 6 फरवरी तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिया था। यह मामला लंदन के 12 ब्रायंस्टन स्क्वायर पर स्थित एक संपत्ति की खरीद में धन शोधन के आरोपों से संबंधित है। इसे 19 लाख पाउंड में खरीदा गया था और इसका स्वामित्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई वाड्रा के पास है। वाड्रा की अग्रिम जमानत की अर्जी पर अदालत में कल सुनवाई होने की संभावना है।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 19 जनवरी को अदालत को बताया था कि अरोड़ा जांच में सहयोग कर रहे हैं। अरोड़ा ने पहले अदालत में आरोप लगाया था कि राजग सरकार ने “राजनीतिक प्रतिशोध” के तहत उन्हें इस मुकदमे में फंसाया है। हालांकि, ईडी ने इन आरोपों का खारिज कर दिया था और कहा था, “क्या किसी भी अधिकारी को किसी भी राजनीतिक रूप से बड़े व्यक्ति की जांच नहीं करनी चाहिए क्योंकि इसे राजनीतिक प्रतिशोध कहा जाएगा?” जांच एजेंसी ने अदालत को बताया था कि भगोड़े हथियार व्यापारी संजय भंडारी के खिलाफ आयकर विभाग काला धन अधिनियम एवं कर कानून के तहत जांच कर रहा है।
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