तारिक आज़मी
डेस्क।कहा जाता है कि ऊपर वाले की लाठी में आवाज़ नही होती है। शायद उसकी लाठी ही पाकिस्तान को पड़ी है। तभी आज आतंकवादियों की चारागाह बने पाकिस्तान में उसकी खुद की सेना पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया है। पुलवामा आंतकी हमले के ठीक तीन दिन बाद पाक सेना को भी आत्मघाती हमले का शिकार होना पड़ा। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी सेना पर बलूचिस्तान के चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के पास आत्मघाती हमला हुआ। हमले में नौ सैनिकों की मौत और 11 सैनिकों के घायल होने की खबर है।
दि बलूचिस्तान पोस्ट की खबर के मुताबिक तुर्बत और पंजगुर के बीत हुए हमले की जिम्मेदारी बलूच राजी अजोई संगर संगठन ने ली है। यह संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट। बलूच लिबरेशन आर्मी और बलूच रिपब्लिकन गार्ड्स का संयुक्नेत संगठन है। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के पाकिस्तान आने से कुछ घंटे पहले ही यह हमला हुआ।
इस घटना के बाद आज शायद पाकिस्तान को इंडिया का दर्द समझ में आया होगा। कहा जाता है शीशो का घर रखकर पत्थर के कारोबार नहीं किये जाते है। मगर पाकिस्तान आतंकियों को शरण देकर अब खुद ही आतंकी घटना को झेल रहा है। इस घटना का समाचार इंडिया आने के बाद देश में चर्चाओ का दौर गर्म हो गया। लोगो को यह कहते सुना जा रहा है कि ऊपर वाले की लाठी में आवाज़ नहीं होती। शायद पाकिस्तान आज उसकी ही लाठी की मार झेल रहा है।
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