करिश्मा अग्रवाल
भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से नापाक हरकतों वाले पाकिस्तान में बेचैनी साफ़ देखा जा सकता है। इसके बाद से ही पाकिस्तान से खुद को घर में बैठे सुरमा खुद को बाहुबली साबित करने और अपनी जनता को बेवक़ूफ़ बनाने के लिये लगातार बयानबाजी और ट्वीट करके अपने दिल की कोरी भड़ास निकाल रहे है। छोटे से हवाई क्षमता रखने वाले पाक ने एक नापाक कोशिश किया जिसको हमारे वीर जवानों ने मुहतोड़ जवाब दिया। इस जवाब को ऐसे ही समझा जा सकता है कि हमारे देश का वीर विग कमांडर अभिनन्दन इनको दौडाता हुआ खदेड़ कर पाकिस्तान तक वापस पहुचा दिया। ये तो कुछ टेक्नीकल समस्याओ के कारण जहाज़ दुर्घटनाग्रस्त हुआ और वह इन नापाक इरादों वाले पाकिस्तान के कैद में है। इस मुह की खाने के बाद पाकिस्तान से तीखी प्रतिक्रियाएं खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे के तर्ज पर आ रही हैं और बैठकों और प्रेस ब्रीफिंग का दौर जारी है।
हकीकत की ज़मीन पर तो सच ये है कि भारत के बहादुर सैनिको ने पाकिस्तान में घुस कर जैश-ए-मुहम्मद का आतंकी किला तहसनहस कर दिया है। मगर जिसको गलधिटाई कहते है करता हुआ पाकिस्तान दावा कर रहा है कि उसके विमानों ने भारतीय विमान को खदेड़ दिया। जबकि खुद पाकिस्तानी मीडिया के जारी बयानों को देखे तो पाकिस्तान तो सकते में था और सुबह तक उसके समझ नही आया था कि आखिर हुआ क्या है ? गहरी नींद सो रहे उसके सैनिको को तो सुबह मालूम चला था कि उसके आका बनकर बैठे जैश का आतंकी किला तहस नहस हो चूका है।
भारत के इस सर्जिकल की ख़बर आने के बाद पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की अध्यक्षता में सुरक्षा सलाहकार परिषद की बैठक हुई। इस बैठक के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान की संप्रुभता का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान की ओर से कहा गया है कि वह भारत के इस ग़ैर-ज़रूरी आक्रमण का जवाब अपनी पसंद की जगह और समय पर देगा। इसके बाद हुवे आज के घटना में पाकिस्तान को करारी मुह की खानी पड़ी तो अब वापस एनसीए की बैठक बुला कर इमरान खान शायद उससे बालिंग हेतु माकूल गेद से कैसे छेड़छाड़ किया जाता है सीखेगे।
क्या है एनसीए?
ये पाकिस्तान का उच्च सैन्य मंच है जहां इस देश की सुरक्षा नीति से जुड़े बड़े फ़ैसले लिए जाते हैं। पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के संचालन पर भी एनसीए ही फ़ैसला लेती है। रणनीतिक तौर पर अहम परमाणु और मिसाइल संबंधी सभी नीतिगत मसलों पर निर्णय लेने वाला उच्चतम प्राधिकरण एनसीए ही है। साथ ही ये परमाणु व मिसाइल कार्यक्रम की देखरेख भी करता है। युद्ध और तनाव की स्थिति में एनसीए सेना की तैनाती पर भी निर्णय लेती है। इसके तहत नीति निर्माण, सैन्य अभ्यास, तैनाती, अनुसंधान व विकास और पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के संचालन और नियंत्रण संबंधी निर्णय भी होते हैं।
वैसे तो पाकिस्तान में राजनितिक जीवन बहुत अधिक नहीं होता है, इतिहास उठा के देख लो तो खुद को तथा कथित लोकतंत्र कहने वाले इस मुल्क में सैन्य राज्य ही लम्बे चले है। इसके अलावा जो कोई चुन कर आया या तो वह देश छोड़ कर भाग गया या फिर मारा गया। फिर भी राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व दोनों ही इसका हिस्सा होते हैं। कहने को तो प्रधानमंत्री इसके प्रमुख होते हैं। थल, वायु और नौ सेना के अध्यक्ष और रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री इसके सदस्य होते हैं। मगर ध्यान इसके ऊपर भी देना चाहिये कि तानाशाह की ज़िन्दगी जीकर मरा जिया-उल-हक़ और परवेज़ मुशर्रफ भी सेना के प्रमुख होने पर इस देश पर लगभग कब्ज़ा करके बैठ गये थे और तत्कालीन प्रधानमंत्री को हटा दिया था।
पाकिस्तान की खुराफाती मीडिया की माने तो पाकिस्तान में आज संसद का विशेष सत्र बुलाया गया था। ये इस संसद का संयुक्त सत्र था। साथ ही नेशनल कमांड अथॉरिटी की बैठक भी बुलाई गई थी। एनसीए की बैठक में क्या निर्णय हुआ ये अभी कही ज़ाहिर नही हुआ है। बताते चले कि दो फ़रवरी 2000 को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने नेशनल कमांड अथॉरिटी की स्थापना की। इसमें इंप्लॉयमेंट कंट्रोल कमिटी, डेवेलपमेंट कंट्रोल कमेटी और स्ट्रेटेजिक प्लांस डिविज़न शामिल होते हैं।
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