इमरान अख्तर
नई दिल्ली: राफेल प्रकरण लगता नही कि सरकार का पीछा ऐसे आसानी से छोड़ेगा। एक बार फिर राफेल मुद्दे ने साँस ले लिया है और सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई को तैयार है। राफेल मामले में दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। यह सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के चेंबर में हुई। पीठ में जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ भी हैं। मामले की खुली अदालत में सुनवाई होगी। कोर्ट सभी याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस की बेंच ने यह फैसला लिया है।
दरअसल राफेल पर 14 दिसंबर के फैसले पर चार याचिकाएं दाखिल की गई हैं। पहली संशोधन याचिका केंद्र सरकार द्वारा दाखिल की गई जिसमें कहा गया है कि कोर्ट के फैसले में कैग रिपोर्ट संसद के सामने रखी गई की टिप्पणी को ठीक करें। केंद्र का कहना है कि कोर्ट ने सरकारी नोट की गलत व्याख्या की है।
वही दूसरी तरफ प्रशांत भूषण, यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने पुनर्विचार याचिका में अदालत से राफेल मामले पर आदेश की समीक्षा करने के लिए कहा है जिसमें कहा गया कि सरकार ने राफेल जेट का अधिग्रहण करने के लिए निर्णय लेने की सही प्रक्रिया का पालन किया है। इसी मामले पर आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह की याचिका भी लंबित है। प्रशांत भूषण की चौथी याचिका में सरकार द्वारा दिए गए नोट में अदालत को गुमराह करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई चाही गई है। इसमें लिखा गया है कि कैग ने राफेल पर संसद को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
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