निलोफर बानो
नई दिल्ली: द हिन्दू अखबार के द्वारा आज प्रकाशित राफेल मुद्दे पर खबर के बाद विपक्ष एक तरफ प्रधानमंत्री पर जहा हमलावर है वही उनसे इस्तीफे की मांग कर रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल मामले को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर तीखा हमला बोला और कहा कि मोदी सरकार रॉबर्ट वाड्रा, पी चिदंबरम या किसी के भी खिलाफ जांच कराए, लेकिन ‘राफेल घोटाले’ पर प्रधानमंत्री जवाब दें और कार्रवाई करें। राहुल गांधी ने अंग्रेजी के प्रतिष्ठित अखबार ‘द हिंदू’ की एक खबर की पृष्ठभूमि में यह भी आरोप लगाया कि इस विमान सौदे को लेकर मोदी ने फ्रांस के साथ समानांतर बातचीत कर रक्षा मंत्रालय के पक्ष को कमजोर किया और पूरी प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए अपने ‘मित्र’ अनिल अंबानी को 30 हजार करोड़ रुपये का कांट्रैक्ट दिलवाया। साथ ही उन्होंने कहा कि राफेल पर द हिंदू की रिपोर्ट ने प्रधानमंत्री की पोल खोल दी और अब यह साबित हो गया कि चौकीदार चोर हैं।
आज शुक्रवार को राहुल गांधी ने कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था। इसमें बोलते हुवे उन्होंने कहा कि हम यह एक साल से कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री राफेल घोटाले में सीधे तौर पर शामिल हैं। अखबार की रिपोर्ट से साफ है कि प्रधानमंत्री फ्रांस के साथ समानांतर बातचीत कर रहे थे। मैं देश के युवाओं और रक्षा बलों से कहना चाहता हूं कि अब स्पष्ट हो चुका है कि प्रधानमंत्री ने प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए आपके 30 हजार करोड़ रुपये चुराए और अपने मित्र अनिल अंबानी को दे दिए। इसकी जांच होनी चाहिए। राहुल गाँधी ने कहाकि पहले फ़्रांस के पुर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बोला था कि अनिल अंबानी को 30 हजार करोड़ रुपये का अनुबंध दिया जाए। अब रक्षा मंत्रालय कह रहा है कि प्रधानमंत्री ने चोरी की है। पूरा मामला एकदम स्पष्ट है।
राहुल गांधी ने वायुसेना के सैनिको और पायलेट्स से मुखातिब होते हुवे कहा कि वायुसेना के मेरे पायलट मित्रों, आप लोग समझ लो कि ये 30 हजार करोड़ रुपये आपके लिए इस्तेमाल हो सकते थे। उन्होंने ये पैसे अनिल अंबानी को दे दिए। अब साफ हो चुका है कि प्रधानमंत्री ने इस देश से चोरी की है। मैं कड़े शब्द इस्तेमाल नहीं करता, लेकिन करने को विवश हो रहा हूं कि भारत के प्रधानमंत्री चोर हैं।
बताते चले कि अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि रक्षा मंत्रालय ने इसको लेकर आपत्ति जताई कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने राफेल विमान सौदे को लेकर फ्रांस के साथ समानांतर बातचीत की जिससे इस बातचीत में रक्षा मंत्रालय का पक्ष कमजोर हुआ। राफेल विमान सौदे को लेकर कांग्रेस और राहुल गांधी प्रधानमंत्री और अनिल अंबानी पर लगातार हमले कर रहे हैं। सरकार और अनिल अंबानी के समूह ने उनके आरोपों को पहले ही खारिज किया है।
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