तारिक आज़मी
पुलवामा हमलो में देश के वीर जवानों की शहादत को कुछ मौका परस्तो ने अपनी राजनितिक रोटिया और नफरत की फसलो को फैलाने का घिनौना काम भी किया है। इस क्रम में देश की कुछ जानी मानी हस्तियों जिसमे नसीरुद्दीन शाह, प्रशांत भूषण, के अलावा अपनी बेबाक और निडर टिपण्णी के लिये मशहूर रविश कुमार और अभिषार शर्मा जैसे पत्रकारों को इन नफरत के सौदागरों ने निशाना बनाया और उनके नम्बरों को वायरल करते हुवे उनके खिलाफ भड़काऊ और बेबुनियाद पोस्ट लिखा।
इसके बाद इन लोगो के मोबाइल पर अनचाहे काल के अलावा अभद्र मैसेज आने शुरू हो गये। एनडीटीवी की खबर के मुताबित अब इसमें अब बड़ी कार्यवाही करते भवे कंट्रोलर आफ कम्युनिकेशन अकाउंटस उत्तराखंड कंट्रोलर ऑफ़ कम्यूनिकेशन एकाउंट्स, उत्तराखंड ने लिखित आदेश जारी कर संबंधित टेलीकॉम ऑपरेटर से कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही टेलीकॉम ऑपरेटर से ऐक्शन टेकेन रिपोर्ट भी मांगी है। ऑपरेटर से भद्दे और धमकाने वाले मैसेज भेजने वालों की पूरी जानकारी और कार्रवाई का ब्योरा मांगा गया है। टेलीकॉम ऑपरेटर को 15 दिन में अपनी रिपोर्ट देनी है। इसके अलावा डीजीपी, सीपी और टेलीकॉम सचिव को भी सूचना देनी है। यही नही बल्कि कंट्रोलर ऑफ़ कम्यूनिकेशन एकाउंट्स ने परेशान ग्राहकों के लिए हेल्पलाइन का सुझाव भी दिया है।
बताते चले कि रविश कुमार और अभिषार शर्मा देश के वरिष्ठ पत्रकारों में गिने जाते है। अपनी बेबाक टिपण्णी और बुनियादी मुद्दों को उठाने के कारण ये अक्सर ऐसे लोगो के निशाने पर रहते है जो किसी एक दल समर्थक होते है अथवा नफरतो की फसलो के सौदागर होते है। इसी क्रम में पुलवामा हमले को लेकर कुछ अवांछनीय तत्वों ने रविश कुमार और अभिषार शर्मा के साथ नसीरुद्दीन शाह, प्रशांत भूषण, बरखा दत्ता जैसे जानी मानी हस्तियों के खिलाफ बेबुनियादी आरोप लगा कर इनके नंबर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिये थे। इसके बाद इन लोगो के नम्बरों पर अनचाहे काल के साथ भद्दे भद्दे मैसेज आने शुरू हो गये थे।
इसी क्रम में पिछले दिनों एनडीटीवी के पत्रकार रविश कुमार जान से मारने की धमकी भी मिली थी। इस प्रकरण में सोशल मीडिया पर उन्हें जान से मारने की धमकी देने का वीडियो वायरल हुआ था। उन्हें पहले भी कई बार ऐसी धमकी मिलती रही है। अब फिर भद्दे और धमकाने वाले मैसेज भेजे जा रहे हैं। कई महिला पत्रकारों को भी इस तरह के मैसेज भेजने का मामला सामना आया है और सोशल मीडिया में इसको लेकर बहस छिड़ी है। इस क्रम में महामना की बगिया बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के एक प्रोफ़ेसर ने भी रविश कुमार का नंबर वायरल करते हुवे बेबुनियाद आरोप लगाये थे। अब आप खुद समझ सकते है कि एक उच्च शिक्षा से जुड़े व्यक्ति की मानसिकता क्या हो चुकी है।
खैर देखने वाली बात ये होगी कि इस प्रकार से देश के अन्दर ही नफरतो के सौदागरों द्वारा अपने सौदे जो बेचे जा रहे है उसका आखिर क्या निष्कर्ष निकलता है और शासन प्रशासन क्या कार्यवाही करता है। या फिर सब कुछ ऐसे ही ठन्डे बसते में चला जायेगा।
इनपुट साभार एनडीटीवी
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