आपसी सौहार्द की मिसाल बना मिस्कीन शाह का उर्स – मिस्कीन शाह वारसी का 100वां उर्स

 प्रत्यूष मिश्रा

उर्स में गागर जुलूस निकालते एहरामपोश व अन्य

बांदा। आपसी सौहार्द का प्रतीक नरैनी रोड स्थित उरगाह मिस्कीन शाह वारसी का तीन दिवसीय 100वें उर्स के दूसरे दिन शनिवार को सुबह ईदगाह के पास मद्दू भइया के आवास में खानकाही महफिल सजी, जहां कव्वालों ने कलाम पढ़े। इसके बाद यहां से गागर जुलूस उठाया गया जो अलीगंज चैराहा स्थित सादिक हुसैन उर्फ चीनी भाई व शहजाद हुसैन वारसी के आवास पहुंचा। वहां भी दोपहर तक खानकाही महफिल सजी रही। इसके बाद ये गागर जुलूस बाबूलाल चैराहे से उठाकर गूलरनाका स्थित दरगाह के मुतवल्ली कसीमुद्दीन वारसी के आवास पहुंचा। यहां भी खानकाही महफिल सजी जो शाम तक चली। इस महफिल में कव्वाल पार्टियों में वकील ताज जहांगीरी बेलाताल, सईद फरीदी निजामी टीकमगढ़, वकील साबरी बांदा, शहजादे बांदा आदि कव्वाल पार्टियों ने खानकाही कलाम सुनाए, जिनको वारसी सिलसिले के लोगों ने दिल खोलकर नजराना दिया। देर शाम मुतवल्ली के आवास से यह गागर जुलूस उठकर अपने निर्धारित रास्तों से होता हुआ खानकाही कव्वालियों के साथ नरैनी रोड स्थित हजरत मिस्कीन शाह वारसी के आस्ताने पहुंचा।

वहां ऐहराम पोशों मलामत शाह वारसी, बेनजीर शाह वारसी, शोहराब शाह वारसी, हसीन शाह वारसी व दरगाह के खादिम अजमल शाह वारसी आदि के द्वारा रस्मे गागर अदा की गई। इस मौके पर वारसी सिलसिले के सैकड़ों लोग मौजूद रहे। वारसी कार्यकर्ताओं में हसन वारसी, अनीस वारसी, निजमुद्दीन वारसी, जेजान वारसी, शाहिद वारसी, राशिद वारसी, सफदर वारसी, शमीम वारसी, अली हसन वारसी, सादिक वारसी, आशिक वारसी, इसराइल वारसी, रईस मास्टर, निजाम वारसी आदि मौजूद रहे। दरगाह के मुतवल्ली ने बताया कि रविवार को दरगाह परिसर में हजारों की संख्या में हिंदू-मुस्लिम सभी मजहब के मानने वाले अकीदतमंद इकट्ठा होंगे। रविवार को दिन भर मेला लगा रहेगा और शाम को बसंत की रस्म अदा की जाएगी।

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