आरिफ अंसारी/आदिल अहमद
लखनऊ. पुलिस और विवादों का चोली दामन का साथ रहा है. मगर शायद ऐसी हरकत पुरे प्रदेश में पहली बार हुई होगी कि छापामारी को पहुची पुलिस टीम ने खुद ही रकम लूट लिया हो. घटना ने पुलिस को शर्मसार कर दिया. मामला राजधानी की गोसाईंगंज पुलिस का है। शनिवार सुबह ओमेक्स अपार्टमेंट में रहने वाले सुल्तानपुर के कोयला कारोबारी अंकित अग्रहरि के फ्लैट पर तीन करोड़ रुपये ब्लैकमनी रखी होने की सूचना पर वहां पहुंचे पुलिसकर्मियों ने एक करोड़ 85 लाख रुपये लूट लिए। फ्लैट में मिले युवकों और शेष 1 करोड़ 53 लाख रुपये को थाना ले आया गया। इस बीच मामले की जानकारी आला अधिकारियों को मिली जिसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम को पड़ताल के लिए भेजा गया।
चौकीदार के पीछे ही सात लोग भीतर घुस आए जिसमें से दो ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी। सभी ने असलहे निकालकर तान दिए और गोली मारने की धमकी दी। इस बीच पुलिसकर्मियों ने बेड से बिस्तर हटाकर फेंक दिया और बॉक्स खोलकर उसके भीतर रखे रुपये झोलों में भरने लगे। अंकित और उसके साथियों ने रोकने की कोशिश की तो लात-घूसों से जमकर पीटा। झोलों में रुपये भरने के बाद पुलिसकर्मी और उनके साथियों ने अंकित व उसके सहयोगियों को पकड़ लिया। बाकी बचे 1.53 करोड़ रुपये के साथ सभी को गोसाईंगंज थाना ले जाया गया।
इस बीच, लुटेरे पुलिसकर्मियों ने सोशल मीडिया पर फ्लैट से ब्लैकमनी समेत कारोबारियों के पकड़े जाने का मैसेज वायरल कर वाहवाही लूटने की कोशिश की लेकिन उनका झूठ ज्यादा देर टिक न सका। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने मामले की जांच के लिए क्राइम ब्रांच की टीम भेजी तो पुलिसकर्मियों की साजिश का खुलासा हो गया। एसएसपी ने बताया कि भ्रष्टाचारी और लुटेरे पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। गिरफ्तार दरोगा आशीष तिवारी और पवन मिश्रा कर उनसे पूछताछ की जा रही है।
इसी क्रम में क्राइम ब्रांच ने पुलिसकर्मियों के आवास की तलाशी ली तो लूटे गए 36 लाख रुपये बरामद हो गए। इसके बाद अंकित की तरफ से दरोगा आशीष तिवारी और पवन मिश्रा और अज्ञात पुलिसकर्मियों समेत सात लोगों के खिलाफ डकैती की धाराओं में केस दर्ज कराया गया। दरोगा आशीष तिवारी और पवन मिश्रा को निलंबित कर गिरफ्तार कर लिया गया है। लुटेरों की टीम में शामिल अज्ञात पुलिसकर्मियों व मुखबिर मधुकर मिश्रा की तलाश में दबिश दी जा रही है।
एडीजी लखनऊ जोन राजीव कृष्ण ने बताया कि ब्लैकमनी की सूचना देने वाला मुखबिर लूटी गई रकम का बड़ा हिस्सा लेकर गायब है। उसकी तलाश में क्राइम ब्रांच समेत अन्य टीमों को लगाया गया है। वारदात के साथ ही स्थानीय पुलिस और पर्यवेक्षण अधिकारियों की भूमिका की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
एसएसपी लखनऊ कलानिधि नैथानी ने बताया कि शक होने पर तत्काल आईपीएस विक्रांत को भेजा गया। उन्होंने जांच की जिसमें हकीकत सामने आई। बरामदगी की रकम लेकर फरार मुखबिर मधुकर मिश्रा की धरपकड़ हेतु छापेमारी जारी है। क्राइम ब्रांच ने पुलिसकर्मियों के आवास से 36 लाख रुपये बरामद किये है।
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