आफताब फारुकी
पटना। समूचे देश की नज़र बेगुसराय सीट पर टिकी हुई है। इस सीट पर कही न कही से राजनितिक सफ़र को ब्रेक लगा सकने वाला भी माना जा रहा है। एक तरफ भाजपा ने भूमिहार कार्ड खेलते हुवे पाच लाख भूमिहारो के वोटो को इस सीट पर ध्यान रखते हुवे गिरिराज सिंह को टिकट दिया है तो वही दूसरी तरफ जेएनयु के पूर्व अध्यक्ष और स्पष्टवादी कन्हैया कुमार को सीपीआई ने टिकट देकर मुकाबले को काफी रोचक बना दिया है। बताते चले कि इस सीट पर कभी सीपीआई का कब्ज़ा हुआ करता था। मगर बदलते वक्त और हालात से सीपीआई इस सीट पर अपनी पकड़ गवा चुकी थी। अब कन्हैया कुमार के रूप में सीपीआई ने इस सीट को दुबारा हासिल करने की कोशिश किया है।
कन्हैया कुमार ने भी इस लड़ाई को रोचक बना दिया है। उनके समर्थको की संख्या को भी कम करके नही आका जा सकता है। कन्हैया कुमा ने इस सीट पर चुनाव लड़ने के लिए वोट के साथ नोट की बात कही और सिर्फ पिछले 28 घंटे में ही कन्हैया ने 28 लाख रुपये जुटाए हैं। ये फंड रेज़ करना इतना आसान तो नही था। शायद ये बड़ी वजह होगी जो भाजपा के चुनावी प्रचार में चिंता का विषय हो सकती है। वही राजद ने सेफ गेम खेला है और मुस्लिम तथा यादव वोटर्स को रिझाने के लिए मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट दिया है। इस तरीके से जहा दो प्रत्याशी पांच लाख भूमिहार वोटो पर अपनी नज़र गडाए है वही गठबंधन प्रत्याशी को सिर्फ अपने यादव और मुस्लिम वोटो को साधने से ही लड़ाई दिलचस्प हो जायेगे।
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