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भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने बाइक रैली में सेना की वर्दी पहन किया शिरकत तो हमलावर हुआ भाजपा पर विपक्ष

अनिला आज़मी

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2019 सिर पर हैं। पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद जिस तरह भारतीय वायुसेना ने सीमापार एयर स्ट्राइक की और उसके बाद जिस तरह के हालात बने। उसको लेकर देश में सत्ता पक्ष और विपक्षी पार्टियां एक दूसरे पर सेना के नाम पर राजनीति करने के आरोप लगा रही हैं। विपक्षी पार्टियों में से कोई नेता कह रहा है कि बताया जाए कि एयरस्ट्राइक हमले में कितने आतंकवादी मारे गए तो कोई नेता एयर स्ट्राइक के सबूत मांग रहा है। जिसका जवाब देते हुए सत्ताधारी बीजेपी इन दलों से सेना के साथ राजनीति करने और देशहित से ऊपर दलित रखने का आरोप लगा रही है। इसी भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी द्वारा सेना की वर्दी पहनकर चुनाव प्रचार करने से विपक्ष एक बार फिर भाजपा पर हमलावर हो गया है।

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी शनिवार को बीजेपी की देश भर में आयोजित विजय संकल्प बाइक रैली में सेना की वर्दी पहन कर हिस्सा लिया जिसको लेकर उन पर सेना के नाम पर राजनीति करने और सैनिकों का अपमान करने के आरोप लग रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट कर कहा कि बेशर्म बेशर्म बेशर्म। बीजेपी सांसद और दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी सैनिकों की यूनिफॉर्म पहनकर वोट मांग रहे हैं। बीजेपी-मोदी-शाह हमारे जवानों पर राजनीति कर रहे हैं और उनका अपमान कर रहे हैं। और फिर देशभक्ति पर लेक्चर दे रहे हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मीडिया सलाहकार नागेंद्र शर्मा ने तो इसको सीधा सीधा अपराध बताया है। नागेंद्र शर्मा ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने सेना की यूनिफार्म पहनकर साफ तौर पर भारतीय दंड संहिता के सेक्शन 171 का उल्लंघन करके अपराध किया है। 2016 में हुए पठानकोट हमले के बाद सेना ने चेतावनी दी थी कि कोई भी नागरिक सेना की वर्दी पहने का तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। मैं तिवारी और बीजेपी की बेशर्मी की भी बात नहीं कर रहा हूं लेकिन अपराध अपराध होता है।

सोशल मीडिया पर इसको लेकर मनोज तिवारी आलोचना और सवालों से घिर गए। इसके बाद मनोज तिवारी ने ट्विटर पर अपनी सफाई दी। मनोज तिवारी ने ट्वीट कर कहा कि  मैंने सेना की वर्दी इसलिए पहनी क्योंकि मुझे मेरी सेना पर गर्व है। मैं भारतीय सेना में नहीं हूं लेकिन मैं एकजुटता की अपनी भावना को व्यक्त कर रहा था। इसे अपमान की तरह क्यों लिया जाए? मैं हमारी सेना का सबसे ज़्यादा सम्मान करता हूं। इस तर्क से तो अगर कल को मैं नेहरू जैकेट पहन लूं तो क्या वह जवाहरलाल नेहरू का अपमान हो जाएगा?

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