तारिक आज़मी
नई दिल्ली. जहा एक तरफ बम द्वारा नीरव मोदी का अवैध बंगला उड़ाने की तैयारी में सरकार है और इसको शुक्रवार को ढहा दिया जायेगे वही अब देश में बैक घोटालो की चर्चाये एक बार फिर अपने रंग में आते दिखाई दे रही है। मामला सिर्फ नीरव मोदी का ही नही है बल्कि देश में कुल 19 हज़ार से अधिक नीरव मोदी पिछले चार सालो में पैदा हुवे है। भले नीरव मोदी का केस 13 हज़ार करोड़ रुपयों का हो मगर ऐसे नीरव मोदियो की भी देश में कमी नही है। सरकारी आकड़ो के हिसाब से अब तक पिछले चार सालो में कुल 19102 बैंक घोटाले की शिकायते पंजीकृत हुई है।
पिछले संसद सत्र में सरकार ने जानकारी देते हुवे बैकिंग धोखाधड़ी को लेकर संसद में आंकड़ों को जारी किया था। इस आकडे के मुताबिक पिछले चार वर्षों में कुल 19102 शिकायतें मिलीं, जिसमें कुल 1 लाख 14 हजार 221 करोड़ रुपये की धनराशि का घोटाला हुआ है। 2015-16 में कुल 4693 केस दर्ज हुए। जिसमें 18699 करोड़ रुपये की धनराशि धोखेबाजी की भेंट चढ़ी।
इसी तरह 2016-17 में 5076 मामलों में 23,934 करोड़ की धोखाधडी, जबकि 2018-19 में 30 सितंबर तक 3,416 मामलों में 30,420 करोड़ रुपये धोखेबाजी की भेंट चढ़ी। केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट करते हुए कहा कि पिछले चार वर्षों में जितने भी बैकिंग घोखाधड़ी के मामले दर्ज हुए हैं, जरूरी नहीं कि वे सभी मामले हाल रिपोर्टिंग के समय के ही हों। इसमें कई मामले पिछली सरकारों के दौरान के हैं, हालांकि उनका खुलासा या सूचना अब जाकर मिली। उदाहरण के तौर पर पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस शाखा में हुई धोखाधड़ी का खुलासा फरवरी 2018 में हुआ, जबकि यह फ्रॉड 2011 से जारी था।
बताते चले कि पीएनबी की ब्रैडी हाउस शाखा से ही नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने 13000 करोड़ रुपए का फ्रॉड किया था। वहीं इस शाखा से एक लोन रैकेट का भी खुलासा हो चुका है। जिसमें अधिकारी समेत 4 लोग गिरफ्तार हुए थे। पुलिस के अनुसार दिल्ली के कनॉट प्लेस में एफ बार एंड लाउंज खोलने के लिए पीएनबी अफसरों की सांठगांठ से साढ़े सात करोड़ रुपये का लोन मंजूर कराया गया।
जानकारी को अब मद्देनज़र रखते हुवे देखे तो अब तक एक लाख करोड़ से अधिक तो सिर्फ धोखाधड़ी में बैंक गवा चुके है। वही बड़े घोटालेबाज़ देश छोड़ कर भाग चुके है। जिसमे मेहुल चोकसी, नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे नाम शामिल है। दरअसल एक लाख रुपये से अधिक की धनराशि से जुड़ी हर धोखाधड़ी की रिपोर्ट बैंकों को केंद्रीय रिजर्व बैंक को देनी होती है। इस लिहाज से देश में हुई छोटी से लेकर बड़ी धोखाधडी के आधार पर ये आंकड़े रिजर्व बैंक ने जारी किए हैं। बताते चले कि शीतकालीन सत्र के दौरान गुजरात में वडोदरा से बीजेपी सांसद रंजनबेन पटेल ने सरकार से लिखित में यह बताने को कहा था कि देश में बैकिंग घोटाले से जुड़े कितने मामले अब तक आए, कितनी धनराशि इसमें शामिल रही और सरकार ने अब तक क्या किया? इस पर सरकार ने 14 दिसंबर को 918 वें नंबर के सवाल पर लिखित में यह जवाब दिया था।
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