गौरव जैन
रामपुर/ दिनांक 13-03-2019 को जिला प्रशासन ने आज़म खाँ के गढ़ मानें जाने वाले रामपुर में पान दरीबा स्थित यूनानी दवाखाना के रामपुर पब्लिक स्कूल द्वारा कब्ज़ा किये 22 कमरों को खाली करा कर दूसरा बड़ा एक्शन लिया। प्रशासन ने मौके पर तथा पान दरीबा जाने वाले रास्तों पर पुलिस तथा पीएसी की फ़ोर्स लगा दी थी जिससे आम पब्लिक तथा समाजवादी के नेता मोके पर न पहुच सके। लेकिन जैसे ही इसकी खबर सपाइयों को लगी वो लोग थोड़ी थोड़ी संख्या में मोके पर पहुच गए और पान दरीबा पर सड़क पर बैठ कर विरोध प्रदर्शन करने लगे और जिला प्रशासन हाय हाय के नारे लगाने लगे
इस पर आसिम राजा ने कहा कि कब्ज़ा खाली करवाने का पहले से कोई नोटिस क्यों नही दिया गया अचानक बिना किसी नोटिस के इस शिक्षा के मंदिर को खाली कराया जाना गलत है प्रशासन की मंशा रामपुर का माहौल बिगाड़ने की है जो वो बेबुनियादी कार्यवाही कर रहा है आचार संहिता लगी हुई है और प्रशासन के हाथ मे डंडा है जिसकी बजह से प्रत्येक मार्ग को पुलिस द्वारा बंद कर रामपुर में कफर्यू जैसे हालात पैदा कर दिए गए है ऐसे में निष्पक्ष चुनाव कैसे संभव है अगर प्रशासन निष्पक्ष चुनाव नही करवाना चाहता है तो मुसलमानों को वोट देने के अधिकार से वंचित कर देना चाहिये ।
मोके पर जाने से पत्रकारों को भी रोका गया
प्रशासन द्वारा रामपुर पब्लिक स्कूल से कब्ज़ा खाली कराये जाने के दौरान मोके पर जाने से पब्लिक के साथ पत्रकारों को भी पुलिस द्वारा रोक दिया गया । पत्रकार लगातार अपना परिचय देते रहे लेकिन पुलिस ने पत्रकारों को मौके पर जाने नही दिया जिस पर पत्रकारों ने मौके पर पहुचने के लिए अपने वाहनों को इधर उधर छोड़कर कर पैदल ही गलियों के रास्तों से होते हुए मोके पर पहुचे और कबरेज़ की।
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