आफताब फारुकी
नई दिल्ली: इस बार लगता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वाराणसी सीट पर राह आसन नही होगी। बताते चले कि पिछले लोकसभा चुनावों को प्रधानमंत्री मोदी ने एकतरफा मुकाबले में जीत लिया था। मगर इस बार ये मुकाबला आसान नही दिखाई दे रहा है। प्रधानमंत्री से मुकाबला करने वाले प्रत्याशियों हेतु सपा बसपा गठबंधन ने जहा अपने पत्ते नही खोले है वही कांग्रेस भी अपने पत्ते अभी नही खोल रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों के तरफ से मजबूत प्रत्याशी की तलाश जारी है। इसी बीच भाजपा और उसके समर्थको के लिए एक और बुरी खबर निकल कर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि वाराणसी लोकसभा सीट पर प्रधानमंत्री से मुकाबला करने को विश्व हिन्दू परिषद के प्रवीण तोगड़िया ताल ठोक सकते है। यदि ऐसा हुआ तो ये भाजपा के लिए लाभदायक तो कतई नही साबित होने वाला है।
विश्व हिंदू परिषद के पूर्व नेता प्रवीण तोगड़िया ने शुक्रवार को कहा था कि उनकी नवगठित पार्टी हिंदुस्तान निर्माण दल देश भर में करीब 100 लोकसभा सीटों पर चुना लड़ेगी, जिनमें गुजरात की 15 सीटें भी शामिल हैं। यही नही उन्होंने पार्टी के अपने 41 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। उन्होंने यह भी कहा कि वह उत्तर प्रदेश में वाराणसी, अयोध्या या फिर मथुरा से आगामी चुनाव लड़ सकते हैं। वाराणसी लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते हैं और इस बार भी वह इसी सीट से चुनाव लड़ने वाले हैं। तोगड़िया ने कहा कि एचएनडी का मुख्य मुद्दा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कराना, कृषि उत्पाद के लिये बेहतर मूल्य और कृषि पर केंद्रित रोजगार पैदा करना है।
तोगडिया ने इससे पूर्व अपने बयान में कहा था कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने राम मंदिर मामले में देश के हिन्दुओं का विश्वास तोड़ा है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही केंद्र सरकार ने किसानों और युवाओं के साथ भी छलावा किया है। जयपुर में संवाददाताओं से बातचीत में तोगडिया ने कहा था कि मोदी जी मंदिर नहीं बना सकते हैं तो इस्तीफा दे दें। हमें तो देश में राम, किसानों को फसलों का दाम और युवाओं को काम देने वाली सरकार चाहिए थी इसलिये लोगों ने वोट दिया था। देश को न तो राम मिले, न किसानों को दाम मिला और न ही युवाओं को काम मिला।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आज कहा कि देश में नई शिक्षा नीति तैयार है। आरएसएस सरकार से शिक्षा नीति तैयार करवा सकती है तो साढ़े चार वर्षों में आरएसएस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से राम मंदिर कानून क्यों नहीं बनवाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साढ़े चार वर्षो के शासन में 52 हजार किसानों ने आत्महत्याएं की और किसानों पर 12 लाख करोड़ का कर्ज है। इसे दूर क्यों नहीं किया गया। उन्होंने कहा केन्द्र में बहुमत की सरकार होने बावजूद किये गये वादों को पूरा नहीं करने के लिए भाजपा को देश से माफी मांगनी चाहिए।
अब अगर राजनितिक दृष्टिकोण से नफे नुक्सान की बात करे तो तोगड़िया के वाराणसी लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ अगर प्रवीण तो तोगड़िया वाराणसी से चुनाव लड़ेगे तो उनके पाए हुवे मतों से भाजपा को ही नुक्सान होगा। वही भाजपा ये सोचती है कि तोगड़िया अगर चुनाव लड़ेगे तो वह अन्य दलों का भी वोट कारेगे। मगर ज़मीली हकीकत ये है कि ये नुक्सान भाजपा का होगा। अब देखना होगा कि प्रवीण तोगड़िया का अगला फैसला क्या होता है और कब होता है।
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