Categories: SpecialUP

मर कर भी रोशनी दे गए सुभाष चंद्र भाटिया

हरमेश भाटिया

रामपुर. आदर्श कॉलोनी सिविल लाइन रामपुर निवासी सुभाष चंद्र भाटिया बेसिक शिक्षा विभाग के नगर क्षेत्र में प्रधानाध्यापक पद से 8 वर्ष पूर्व रिटायर सेवानिवृत्त हुए थे। पिछले हफ्ते अचानक उन्हें पैरालिसिस व दिल का दौरा पड़ा था जिस कारण कल एक अस्पताल में देर रात उनका निधन हो गया।

उनके निधन के पश्चात उनके परिवार वालों ने यह फैसला किया कि मरणोपरांत उनकी आंखों से कोई और भी दुनिया को देख सकता है। इसी के मद्देनजर परिवार वालों ने रात के 1:00 बजे समाजसेवी सतीश भाटिया से संपर्क किया फिर सतीश भाटिया ने सीएलआई इंस्टीट्यूट मुरादाबाद संपर्क किया। जिसके उपरांत रात 2:30 बजे मुरादाबाद से एक टीम रामपुर मृतक के घर आई और परिवार वालों की सहमति से उनकी कॉर्निया को सुरक्षित कर लिया।

परिवार वालों का यह मानना है कि उनकी आंखों से कोई ऐसा व्यक्ति जो नेत्रहीन होगा वह दुनिया को देख सकेगा। सुभाष चंद्र भाटिया जीते जी समाज की सेवा करते रहे और मरने के उपरांत भी वह दूसरों की सेवा करते ही इस दुनिया से विदा हो गए। इस मौके पर उनके पुत्र संदीप भाटिया , कृष्ण मोहन भाटिया , सुनील कुमार भाटिया , उनके दामाद चिरंजीव गुड्डू उनकी पत्नी श्रीमती कमलेश भाटिया उनकी पुत्री संगीता रानी भाटिया एवं इंद्रजीत भाटिया आदि उपस्थित रहे।

pnn24.in

Recent Posts

शम्भू बॉर्डर पर धरनारत किसान ने सल्फाश खाकर किया आत्महत्या

तारिक खान डेस्क: खनौरी और शंभू बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों का सब्र का…

2 hours ago

वर्ष 1978 में हुवे संभल दंगे की नए सिरे से होगी अब जांच, जाने क्या हुआ था वर्ष 1978 में और कौन था उस वक्त सरकार में

संजय ठाकुर डेस्क: संभल की जामा मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद के बीच उत्तर…

4 hours ago