आखिर किसकी शह पर चल रही हैं अवैध मैजिकें
फ़ारुख हुसैन
कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
गौरीफंटा भारत नेपाल सीमा पर इन दिनों में गौरी फंटा बॉर्डर से बनगवां बाजार तक लगभग 3 दर्जन मैजिक अवैध रूप से चलाई जा रही हैं जिनको समय-समय पर एसएसबी ,वन विभाग , कस्टम व पुलिस द्वारा रोका गया है लेकिन कुछ तथाकथित लोगों द्वारा उक्त मैजिक को जबरदस्ती मेन बॉर्डर से मुख्य बाजार की दुकानों तक पहुंचाया जा रहा है इनका मकसद दुकानों से सामान लोड कर मुख्य गौरीफंटा बॉर्डर तक पहुंचाना है।
इस बावत भारत नेपाल सीमा पर तैनात एस एस बी की 39वी वाहिनी के कमांडेंट मुन्ना सिंह ने बनगवां में चल रही मैजिकों के संदर्भ में कहा कि तीन दर्जन मैजिक बॉर्डर से बनगवां बाजार तक चल रही हैं, उनके उद्देश्य और कार्यशैली पर पूरी नजर रखी जा रही है। कोई भी संदिग्ध मैजिक पाए जाने पर कठोर कार्यवाही की जाएगी साथ ही दुकानों तक मैजिक जाकर वहां सामान लोड कर अगर मुख्य बॉर्डर तक पहुंचाने की बात सामने आ रही है तो हम इस पर कार्यवाही करेंगे। बाजार के अंदर रास्ता बेहद सकरा होने के चलते मैजिक वाहनों को बाहर सड़क पर ही रोका जाना तय हुआ था। जो व्यवस्था बनी हुई है सभी लोग उसका पालन करें अन्यथा उचित कार्यवाही की जाएगी।
इसी मामले में सी ओ पलिया प्रदीप यादव का कहना है कि उक्त मैजिक का प्रकरण अभी सामने आया है और गौरी फंटा कोतवाली को इस बाबत सूचना दे दी गई है कि सारी मैजिक बाजार के बाहर ही रुकेगी अगर कोई मैजिक अंदर प्रवेश करती है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी!
गौरीफंटा से बनगवां मंडी में ले जाई जा रही मैजिकों को सुरक्षा व्यवस्था में बाधा को लेकर एसएसबी ने रोड पर ही रोकना शुरु कर दिया था जिससे तस्कर उसमें तस्करी का माल नही भेज पा रहे थे। सूत्रों की माने कई दिनों तक मैजिकों के बंद रहने के बाद तस्करों में हड़कंप मच गया था और उन्होंने एक ट्रांसपोर्टर व एक तस्कर की मदद से इकट्ठा की गई मोटी रकम स्थानीय पुलिस को देकर मैजिकों को फिर से चालू करा लिया। उधर आरटीओ विभाग की भी इस प्रकरण में भूमिका संदिग्ध है।
सूत्रों की माने तो बार्डर पर सांठगांठ के चलते यह मैजिक संचालक इस अवैध धंधे को अंजाम दे रहे हैं। पैसों की चमक में एआरटीओ अधिकारी लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ होने देने से नहीं चूक रहे। खास बात तो यह है कि कुछ समय पूर्व ही दर्जनों थारू होने पुलिस वन विभाग को पत्र देकर बंनगवा मंडी में मैजिकों का संचालन बंद कराने की मांग की थी, लेकिन पैसों की चमक में पुलिस ने उसे भी दरकिनार कर दिया।