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उन्नाव – रोड शो में भाजपा कार्यकर्ताओ ने दिखाये प्रियंका को काले झण्डे, कांग्रेसियों ने लिया दौड़ा, प्रशासन की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह

तारिक खान/ आदिल अहमद

उन्नाव। प्रियंका गांधी ने आज उन्नाव से कांग्रेस प्रत्याशी अन्नू टंडन के समर्थन में रोड शो किया। रोड शो की शुरुआत शास्त्री पार्क विधायक पंकज गुप्ता के आवास से हुई। करीब एक घंटे चले रोड शो में काफी भीड़ दिखाई दी वही कांग्रेसियों में उत्साह भी दिखाई दिया।

रोड शो के बीच में ही रास्ते के किनारे खड़े कुछ भाजपा कार्यकर्ताओ ने प्रियंका को काले झण्डे दिखाते हुवे प्रियंका गो बैक का नारा लगाना शुरू कर दिया। इस प्रकरण को सुरक्षा में लगे सुरक्षा कर्मी शायद मूकदर्शक बनकर देख रहे थे। जज्बे से लबरेज़ कांग्रेसी कार्यकर्ताओ ने जब पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही होती नही देखा तो खुद कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने भाजपा कार्यकर्ताओ को दौड़ा लिया। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओ को पिटाई के साथ ईंट पत्थर को भी झेलना पड़ गया। रोड शो इसके बाद शांति पूर्वक अपने गंतव्य तक गया,

इस घटना के बाद प्रियंका ने रोड शो के बाद सभा को संबोधित करते हुवे भाजपा पर हमलावर होते हुवे कहा कि 5 हज़ार 5 सौ करोड़ उद्योगपतियों के माफ़ किए और जब कांग्रेस गरीबों को 72 हज़ार जब देने की बात कहती है तो पूछते है पैसे कहा है। किसान बीमा के तहत एक दो उद्योग पतियों को 10 हज़ार करोड़ रुपयों का फायदा करवाया।।अमीर बढ़ रहे हैं और गरीब पिछड़ रहे हैं। वही प्रधानमंत्री धर्म जाति और दुसरे देशो की बाते कर रहे है। ये धर्म जात और दूसरे देशों की बातों से विकास नही होगा। उनके द्वारा बड़े बड़े प्रचार से हो रही है। लेकिन विकास और रोजगार के नाम असलियत में कुछ नही होता है। जब जनता को जरूरत होती है तब ये दिखाई नही देते। नवजवान को लाठियां मारी जाती है। राष्ट्रिय सुरक्षा कानून का इस्तेमाल करते है। लेकिन जब इनको जरूरत होगी तब ये आते हैं। आखिर में प्रियंका वोट अपील करते हुए कहाकि इस सरकार को कोई नेता नही सिर्फ जनता बदल सकती है।

काला झंडा दिखाया जाना प्रशासनिक लापरवाही

वही प्रियंका के रोड शो में काला झंडा दिखा कर उपद्रव की स्थिति पैदा करने वाले भाजपा कार्यकर्ता अधिक ज़िम्मेदार नही जितना स्थानीय प्रशासन है। अगर यही रोड शो किसी सत्तारूढ़ दल का होता तो शायद ऐसी घटना होने के पहले ही रोक दिया गया होता और उन कार्यकर्ताओ को हिरासत में ले लिया गया होगा। मगर वायरल होता वीडियो इस बात को ज़ाहिर करता है कि कही न कही से इस घटना में प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ था।

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