आफताब फारुकी/ इमरान अख्तर
नई दिल्ली: आज सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ साजिश के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ षड्यंत्र के दावों पर अदालत ने कहा कि जिस तरीके से इस संस्था से पेश आया जा रहा है, हम उससे नाराज हैं। यदि ऐसा होगा तो हम काम नहीं कर पाएंगे। कोर्ट ने प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ षड्यंत्र संबंधी वकील के दावों पर कहा कि इस संस्था को बदनाम करने के लिए एक सोचा समझा हमला किया जा रहा है और सोचा समझा खेल खेला जा रहा है।
इसके पहले आज अदालत ने कहा है कि चार से पांच प्रतिशत वकील ऐसे हैं जो इस महान संस्था को बदनाम कर रहे हैं। साथ ही कहा ‘अब समय आ गया है कि हम खड़े हों और देश के अमीर एवं ताकतवर लोगों को बताएं कि वे ऐसा नहीं कर सकते। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी। साथ ही कोर्ट ने कहा कि यह सब क्या चल रहा है। लोग पैसे की पावर से मामलों को सैटल करना चाहते हैं। आप जिसको चाहे उसकी छवि खराब कर सकते हैं। जज आते हैं और जाते हैं ये आपका संस्थान है। संस्थान को साफ करना होगा।
बेंच ने कहा कि फिक्सिंग के आरोप गंभीर हैं। जब भी बड़ा मामला आता है तो लोग चिट्ठी लिखने लगते हैं। लंबित मामलों में किताबें लिखी जाती हैं। सुप्रीम कोर्ट किसी के द्वारा रिमोट से कंट्रोल नहीं हो सकता। हम देखेंगे कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कैसे हो। किसी को भी सच्चाई नहीं पता। देश के लोगों को सच्चाई पता होनी चाहिए। न्यायालय ने कहा कि मनमाफिक पीठ के समक्ष सुनवाई कराने के आरोप बहुत ही गंभीर है और उनकी जांच की जानी चाहिए।
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