फारुख हुसैन
पलिया कलां खीरी. दुधवा नेशनल पार्क में आए दिन आग लगना आम बात हो गई आग लगने से सूखे पत्ते, बहुमूल्य जड़ी बूटी, दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों के अंडे, छोटे बच्चे सहित भारी नुकसान आए दिन हो रहा है लेकिन दुधवा प्रशासन पिछले सप्ताह दो बड़ी घटनाओं के बाद भी अभी जगा नहीं है।
अलौकिक वातावरण व विभिन्न वन्यजीवों को अपने आगोश में समेटे विश्वविख्यात दुधवा नेशनल पार्क का नया साल काफी खराब रहा है । शुरुआती दिनों से ही दुधवा पार्क झटके ही झटके लगने शुरू हो गये हैं । एक सप्ताह पहले ही आपसी संघर्ष ने मरा तेदुआ जहां दुधवा प्रशासन की नाकामी को उजागर कर रहा था वहीं बीते दिन एक और बाघ की जान चली गई । कारण जो भी हो लेकिन प्रशासन आपसी संघर्ष की लड़ाई ही बता रहा है। अगर यह न बताएं तो आखिर क्या बताएं।
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