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ट्रम्प की यमन जंग के युद्ध अपराध से विश्व जनमत के ध्यान को हटाने की कोशिश

आदिल अहमद

: ऐसे समय जब पश्चिम एशिया में जनमत और मीडिया का ध्यान इस्राईल में चुनाव और ट्रम्प की कार्यवाहियों पर केन्द्रित है, यमन के ख़िलाफ़ सऊदी गठबंधन की जंग यथावत जारी है।
पश्चिम एशिया में पिछले हफ़्तों में 3 अहम विषय सामने आए। पहला विषय ट्रम्प द्वारा 25 मार्च को सीरिया के अतिग्रहित गोलान हाइट्स इलाक़े पर इस्राईल की संप्रभुता को मान्यता देने का ग़ैर क़ानूनी क़दम था। ट्रम्प ने यह क़दम यमन पर सऊदी गठबंधन द्वारा थोपी गयी जंग के चार साल पूरे होने के एक दिन पहले उठाया और यमन के ख़िलाफ़ सऊदी अरब की अगुवाई में सऊदी गठबंधन के अनेक अपराधों की ओर से जनमत तथा मीडिया के ध्यान को हटाया।
इसके साथ ही ट्रम्प ने आले सऊद की दूसरी बार सेवा यूं की कि उन्होंने 8 अप्रैल को ग़ैर क़ानूनी क़दम उठाते हुए ईरान की इस्लामी क्रांति संरक्षक फ़ोर्स को आतंकवादी गुट की सूचि में शामिल करने का एलान किया जिसका सऊदी अरब ने स्वागत किया।
पश्चिम एशिया की तीसरी बड़ी घटना इस्राईल में समय पूर्व संसदीय चुनाव का आयोजन था। पिछले एक दशक में पहली बार इस्राईल में संसदीय चुनाव में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा हुयी।
पश्चिम एशिया के पिछले दो हफ़्ते के हालात से लगता है कि यमन के ख़िलाफ़ आले सऊद शासन के अपराध की ओर जनमत का ध्यान नहीं गया। जैसा कि 7 अप्रैल को सऊदी गठबंधन के फ़ाइटर जेट ने राजधानी सनआ के सअवान इलाक़े में घरों और स्कूल पर बम्बारी की। इस बम्बारी में 11 लोग, जिसमें अधिक संख्या स्कूली छात्राओं की थी, मारे गए और 39 घायल हुए।
स्कूली छात्रों के ख़िलाफ़ अपराध को मीडिया ने कम कवरेज दिया हालांकि बच्चों को मारना जो किसी भी जंग में सबसे ज़्यादा मासूम होते हैं, युद्ध अपराध में शामिल है।


यमनियों के ख़िलाफ़ सऊदी गठबधंन के हालिया हफ़्तों के अपराध पर विश्व जनमत का ध्यान कम होने की वजह वह अवसर है जिसे ट्रम्प ने आले सऊद शासन को मुहैया कराया है। दूसरे शब्दों में ट्रम्प ने जिस तरह हालिया हफ़्तों में अपने फ़ैसलों से नेतनयाहू की संसदीय चुनाव में बहुत मदद की उसी तरह व्यवहारिक रूप से आले सऊद को यमन के ख़िलाफ़ अपराध करने का अवसर मुहैया किया है। वह भी ऐसी हालत में जब यमन हालिया दशकों की सबसे बड़ी मानव त्रासदी को झेल रहा है।

aftab farooqui

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