Categories: National

जस्टिस गंगोई पर लगे कथित यौन उत्पीडन की जाँच करेगी तीन जजों की कमेटी

आदिल अहमद/ मो। कुमैल

नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायधीश जस्टिस गंगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की आंतरिक जांच के लिए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसए बोबडे को नियुक्त किया गया। न्यायमूर्ति बोबडे ने खुद इस खबर की पुष्टि की। वरिष्ठता क्रम के मुताबिक वह सीजेआई के बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं। उन्होंने बताया कि नंबर 2 जज होने के नाते प्रधान न्यायाधीश ने उन्हें शीर्ष न्यायालय की एक पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा उनके (सीजेआई के) खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए नियुक्त किया है।

न्यायमूर्ति बोबडे ने बताया कि उन्होंने शीर्ष न्यायालय के दो न्यायाधीशों न्यायमूर्ति एनवी रमन और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी को शामिल कर एक समिति गठित की है। न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा, ‘मैंने समिति में न्यायमूर्ति रमन को शामिल करने का फैसला किया है, क्योंकि वह वरिष्ठता में मेरे बाद हैं और न्यायमूर्ति बनर्जी को इसलिए शामिल किया गया है क्योंकि वह महिला न्यायाधीश हैं।’

आरोप लगाने वाली पूर्व कर्मचारी ने अपने हलफनामे में दो घटनाओं का जिक्र किया है, जब सीजेआई गोगोई ने कथित तौर पर उसका उत्पीड़न किया। दोनों ही घटनाएं कथिततौर पर अक्टूबर 2018 में हुईं। दोनों घटनाएं सीजेआई के तौर पर उनकी नियुक्ति के बाद की हैं। उच्चतम न्यायालय के महासचिव संजीव सुधाकर कलगांवकर ने इस बात की पुष्टि की है कि अनेक न्यायाधीशों को एक महिला के पत्र प्राप्त हुए हैं। साथ ही कहा कि महिला द्वारा लगाए गए सभी आरोप दुर्भावनापूर्ण और निराधार हैं।

उन्होंने कहा,‘‘ इसमें कोई शक नहीं है कि ये दुर्भावनापूर्ण आरोप हैं”। दूसरी तरफ, अदालत ने कहा कि वह इस बात को मीडिया के विवेक पर छोडती है कि सीजेआई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में जिम्मेदार ढंग से पेश आना है। आपको बता दें कि सुनवाई के लिए पीठ का गठन उस वक्त किया गया जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के संबंध में अधिकारियों को बताया।

वही प्रकरण पर जस्टिस गंगोई ने कहा कि जिस महिला ने आरोप लगाया है, वह 4 दिन जेल में थी। महिला ने किसी शख़्स को सुप्रीम कोर्ट में नौकरी दिलाने का झांसा दिया था और पैसे लिये थे। आपको बता दें कि सीजेआई पर आरोप लगने वाली महिला उच्चतम न्यायालय की पूर्व कर्मचारी है। उच्चतम न्यायालय के 22 न्यायाधीशों के आवास पर महिला के शपथपत्रों की प्रतियां भेजी गईं जो शनिवार को सार्वजनिक हो गईं। इसके बाद मामले में विशेष सुनवाई हुई। पीठ में  न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और संजीव खन्ना शामिल थे।

अब इस प्रकरण की जाँच हेतु जस्टिस गंगोई ने न्याय का परिचय देते हुवे सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज की अध्यक्ता में तीन जजों की बेंच बना कर मामले की सुनवाई करने और इसकी जाँच करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई बुधवार को सुबह दस बजे होगी।

pnn24.in

Recent Posts

बड़ी कम्पनियों की दवाये हो रही गुणवत्ता में फेल, फिर आखिर भरोसा करे तो करे किस पर ?

तारिक आज़मी डेस्क: कल 53 दवाये गुणवत्ता के अपने परिक्षण में फेल हो गई। बड़ी…

17 hours ago

इस्तीफे पर सिद्धरमैया ने फिर कहा ‘जब मैंने कुछ गलत नही किया तो इस्तीफा क्यों दू ?’

आदिल अहमद डेस्क: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मूडा केस में इस्तीफ़ा देने से साफ़…

17 hours ago

बदलापुर एनकाउंटर पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम फडणवीस ने कहा दो टुक ‘हमला होगा तो पुलिस क्या ताली बजाएगी’

आफताब फारुकी डेस्क: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बदलापुर में एक स्कूल में दो…

18 hours ago