आदिल अहमद/आफताब फारुकी
उत्तर प्रदेश के अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने भाजपा के टिकट से चुनाव मैदान में आई केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी एक बार फिर अपनी शैक्षणिक योग्यता को लेकर चर्चा में है। स्मृति ईरानी ने गुरुवार को चुनाव आयोग को दिए गये हलफनामे में घोषित किया कि वे ‘ग्रेजुएट’ नहीं हैं। यह पहली बार है जब उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में साफ लिखा कि उन्होंने तीन साल की डिग्री कोर्स पूरा नहीं किया। कांग्रेस ने स्मृति ईरानी की क्वालिफिकेशन को लेकर तंज कसा है और कहा है ‘क्योंकि मंत्री भी कभी ग्रेजुएट थीं।’
गौरतलब हो कि स्मृति इरानी ने हलफनामे में उच्चतम शिक्षा के कॉलम में लिखा है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (पत्राचार) से ‘बैचलर ऑफ कॉमर्स पार्ट-1।’ इस कोर्स का वर्ष उन्होंने 1994 लिखा है। इसका अर्थ है कि उन्होंने इस साल यह डिग्री कोर्स शुरू किया था लेकिन इसे पूरा नहीं किया। उन्होंने कोष्टक में लिखा है कि ‘तीन साल की डिग्री कोर्स अपूर्ण।’ हलफनामे के अनुसार ईरानी ने 1991 में हाईस्कूल की परीक्षा पास की, 1993 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की।
बताते चले कि इससे पहले साल 2014 में अमेठी सीट से पहली बार चुनाव लड़ने के दौरान स्मृति ईरानी ने हलफनामे में लिखा था कि 1994 में उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (पत्राचार) से बैचलर ऑफ कॉमर्स पार्ट-1 किया। 2004 में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के खिलाफ दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के दौरान स्मृति ने एफिडेविट में लिखा था कि उन्होंने 1996 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ करस्पांडेंस से बैचलर ऑफ आर्ट किया। इस वजह से केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी अपनी डिग्री को लेकर अक्सर चर्चा में रहती थी। अब कांग्रेस ने उनके नये हलफनामे का मज़ाक उड़ाया है।
नये हलफनामे को लेकर कांग्रेस द्वारा मज़ाक उडाये जाने के बाद स्मृति इरानी ने कहा है कि वह अमेठी के लिये और कांग्रेस के खिलाफ मेहनत से काम करती रहेंगी चाहे उनको जितना अपमानित और प्रताड़ित किया जाता रहे।
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