आफताब फारुकी
मुज़फ़्फ़रनगर: वर्ष 2013 में हुवे उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर दंगो में एक मामले में स्थानीय अदालत ने सुनवाई करते हुवे सबूतों के अभाव में कुल 12 लोगों को बरी कर दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार तिवारी ने मंगलवार को दंगा मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 395 (डकैती) और 436 (आगजनी) से आरोपियों को बरी कर दिया है। अभियोजन के मुताबिक, एसआईटी ने 13 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। मामले के सुनवाई के दौरान ही एक आरोपी व्यक्ति की मौत हो गई थी।
प्रकरण में गठवाला खाप के मुखिया बाबा हरिकिशन को भी नामजद किया गया था। मगर एसआईटी ने जांच के दौरान बाबा हरिकिशन का नाम निकाल दिया था और 13 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दी थी। प्रकरण में एक आरोपी ऋषिदेव की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई थी।
गौरतलब हो कि 2013 के अगस्त में जानसठ कोतवाली के कवाल गांव में दो भाइयों सचिन और गौरव की हत्या के बाद एक पंचायत के बाद जिले में दंगा भड़का था। जिले में हुवे इस सांप्रदायिक दंगों में कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 40 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए थे। इन्ही दंगो के लगभग 20 मामलों में विधायक और सांसद भी आरोपियों की सूची में हैं।
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