आदिल अहमद
देश में पहले काले धन और महंगाई को लेकर चिन्तित रहने वाले बाबा रामदेव एनडीए सरकार बनने के बाद से महंगाई और काले धन की चिंता छोड़ चुके थे। अक्सर बयानों और विरोध प्रदर्शन करने वाले बाबा रामदेव का एनडीए सरकार आने के बाद से शांत बैठ गए थे। वही एक बार फिर बाबा रामदेव सक्रिय नज़र आ रहे है। इसके पहले चुनावों के दौरान बाबा रामदेव ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को लेकर जारी अपने बयान में कहा था कि वह देश भक्त महिला है। अब बाबा रामदेव ने एक वर्ग विशेष को निशाने पर रखते हुवे ऐसे कानून की मांग किया है जिसमे दो से अधिक बच्चे पैदा करने पर होने वाले बच्चे को मताधिकार, चुनाव लड़ने के अधिकार तथा अन्य सरकारी सुविधाओं से वंचित कर दिया जाना चाहिए।
बाबा रामदेव ने साल के शुरुआत में भी ऐसा बयान दिया था। जनवरी महीने में रामदेव ने कहा था कि भारत में जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए दो से अधिक बच्चे वाले लोगों को मतदान के अधिकार से वंचित किया जाना चाहिए और साथ ही उन्हें किसी भी चुनाव में खड़े होने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। रामदेव ने कहा, ‘जिन लोगों के पास दो से अधिक बच्चे हैं उन्हें मतदान और चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। उन्हें सरकारी स्कूलों या सरकारी अस्पतालों में प्रवेश भी नहीं दिया जाना चाहिए। उन्हें कोई सरकारी नौकरी नहीं दी जानी चाहिए।
रामदेव ने कहा था कि उनका मंत्र है जाति, धर्म या आर्थिक स्थिति के बावजूद हम दो, हमारे दो, सबके दो। उन्होंने कहा था, ‘मैं भारत को एक महाशक्ति के रूप में देखना चाहता हूं। हम दो, हमारे दो। इस संकल्प के रास्ते में कोई जाति, कोई धर्म, कोई राजनीति नहीं आनी चाहिए। अगर हम अभी सुधारात्मक उपाय नहीं करते हैं, तो जनसंख्या एक अभिशाप बन जाएगी।’
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