Categories: Special

रुपहले पर्दे से सियासी पर्दे पर आने के बाद कितना बदल गया प्रशंसक के तर्ज पर नही आया कोई अनुपम खेर को सुनने तो कैंसिल कर दिया रैली

तारिक आज़मी

चंडीगढ़. सियासत भी अजीब काम है। पहले इसी सियासत और कुर्सी की चाहत ने ड्रीम गर्ल के नाम से मशहूर हेमा मालिनी को खेतो में महँगी साडी और महंगा चश्मा पहन कर फसल कटवा दिया। फिर वैसे ही महँगी साडी पहनकर, महंगे चश्मे लगा कर ट्रैक्टर चलवा दिया। ये एक अलग बात है कि विपक्षियो ने इसका भी मज़ाक बना डाला। किसी ने कहा कि कोई किसान हेलीकाफ्टर से फसल काटने जाता है क्या ? (बताते चले कि हेमा मालिनी का खेतो में जाने वक्त हेलीकाफ्टर से उतरता हुआ फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था) तो किसी ने पूछा कि इतनी महँगी साडी और महंगा चश्मा पहन कर कौन किसान खेतो में काम करने जाता है। इस मामले को लेकर हेमा मालिनी ट्रोलर्स का शिकार भी हुई।

अब ट्रोलर्स के निशाने पर इस बार अनुपम खेर है। वैसे अनुपम खेर खुद को प्रधानमंत्री मोदी का फलोवर मानते है। अच्छा खासा चल रहा अपना फ़िल्मी करियर छोड़ कर सियासत का रास्ता अख्तियार करने वाले अनुपम खेर अक्सर ही ट्रोलेर्स का शिकार हो जाते है। इस बार तो उनको एक मतदाता ने चुनाव प्रचार के दौरान 2014 के भाजपा का मेनिफेस्टो दिखाते हुवे पूछ लिया कि इनमे से क्या वायदा आपने पूरा किया ? उसके इस सवाल का जवाब तो अनुपम खेर नही दे सके और वहा से वापस चले गये मगर वीडियो वायरल होने के बाद उन्होंने उस वीडियो को अपने अधिकृत ट्वीटर पर लगाते हुवे इसको विपक्ष की साजिश बताया।

इसके पहले भी खबरों की सुर्खिया सोमवार को अनुपम खेर तब बने थे जब चंडीगढ़ में चुनाव प्रचार के दौरान वह एक सभा में पहुचे। सभा में आयोजको के अलावा जनता के नाम पर कोई भी नही था। अब अनुपम खेर किसको अपनी बाते सुनाते तो वह नाराज़ हो गए और रैली को स्थगित कर दिया। इस मामले को स्थानीय मीडिया के द्वारा उठाया गया और फोटो के साथ उठाया गया। इसके दुसरे दिन ही एक अन्य रैली मे कुछ भीड़ दिखाई दी। इस रैली का फोटो फिर अनुपम खेर ने अपने ट्वीटर पर डालते हुवे पोस्ट किया और लिखा था कि इस रैली की कामयाबी भी अखबार द्वारा दिखाई जानी चाहिये जिससे यह साबित हो कि उक्त अख़बार निष्पक्ष है।

खैर जो भी हो अनुपम खेर एक अच्छे कलाकार रहे है। बतौर सेलिब्रेटी वह इससे कही ज्यादा भीड़ अपने आकर्षण पर ही इकठ्ठा कर सकते थे, मगर सियासत में उनकी पैठ से पकड़ कम होती नज़र आ रही है। जिस प्रकार आज वह डोर 2 डोर प्रचार कर रहे थे और जनता ने सवाल पूछ लिया वह इस समय उनकी भीड़ इकठ्ठा करने की क्षमता पर भी प्रश्न उठा रहा है। इस प्रचार अभियान में भी बहुत थोड़े से लोग ही अनुपम खेर के साथ नगाडो की धप पर चल रहे थे।

pnn24.in

Share
Published by
pnn24.in

Recent Posts

तिरुपति मंदिर प्रसाद के लड्डू में जानवरों की चर्बी के आरोप पर बोले श्री श्री रविशंकर ‘यह घटना 1857 के विद्रोह जैसी है’

ईदुल अमीन डेस्क: तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद में जानवरों की चर्बी इस्तेमाल होने के…

18 mins ago

ईरान के कोयला खादान में हुवे विस्फोट से 51 की मौत, 24 लापता

निलोफेर बानो डेस्क: पूर्वी ईरान के तबास में एक कोयला खदान में हुए विस्फोट से…

34 mins ago

हिजबुल्लाह के जारी जवाबी हमले के बाद इसराइल ने हायफा के लोगो से किया इकठ्ठा न रहने की अपील

आफताब फारुकी डेस्क: इसराइल ने लेबनान की सीमा से लगे उत्तरी शहर हायफ़ा में लोगों…

46 mins ago