आफताब फारुकी
नई दिल्ली. एक दिन पहले ही पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने केंद्रीय चुनाव आयोग को सफलता पूर्वक चुनाव करवाने के लिए बधाई दिया था। इसके बाद जिस प्रकार से लोकसभा चुनाव खत्म होने और एग्जिट पोल में एक बार फिर मोदी सरकार आने की संभावना जताई जाने लगी है उससे एक बार फिर ईवीएम का मुद्दा तूल पकड़ता दिख रहा है। ईवीएम और वीवीपैट के मुद्दे पर 22 विपक्षी दलों के नेताओं ने बैठक की और चुनाव आयोग को ज्ञापन देकर काउंटिंग से पहले सभी वीवीपैट पर्चियों की गिनती की मांग की है।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एक बयान जारी कर ईवीएम की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि वो जनमत के साथ छेड़खानी की ख़बरों से चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि ईवीएम की सुरक्षा चुनाव आयोग की ज़िम्मेदारी है। उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र पर सवाल खड़े करने वाली अटकलों की कोई जगह नहीं है और लोगों का जनादेश पवित्र है और किसी भी संदेह से परे होना चाहिए।
प्रणब मुखर्जी ने यह भी कहा कि भारतीय लोकतंत्र के मूल आधार को चुनौती देने वाली किसी भी अटकल के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने ट्विटर हैंडल पर जारी एक बयान में कहा, ‘मैं मतदाताओं के फैसले में कथित छेड़छाड़ की खबरों पर चिंतित हूं। उन ईवीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारी आयोग की है जो कि आयोग की देखरेख में हैं।’ उन्होंने कहा कि जनादेश अत्यंत पवित्र होता है और इसमें लेशमात्र भी संशय नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘इस मामले में संस्थागत सत्यनिष्ठा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भारतीय चुनाव आयोग पर है। उन्हें उसे पूरा करते हुए सभी अटकलों पर विराम लगाना चाहिए।
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