तारिक आज़मी
वाराणसी. वर्ष 2002 में गोधरा कांड एक ऐसी घटना थी जिसके बाद हुवे सांप्रदायिक हिंसा में पुरे गुजरात को जला कर रख दिया था। गुजरात में अल्पसंख्यक समुदाय को विशेष रूप से निशाना बनाते हुवे दंगे हुवे थे। इन दंगो की आंच आज भी न्यायालयों के फैसले से निकलती रहती है। आज लगभग 17 सालो के बाद वाराणसी में एक प्रेस कांफ्रेस के माध्यम से गुजरात के सूरत से आये एक व्यक्ति ने इसके ऊपर बड़ा खुलासा करते हुवे दावा किया है कि गुजरात में 2002 में हुआ गोधरा काण्ड को तत्कालीन भाजपा शासित गुजरात के मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एक साजिश के तहत होना बताया गया है। यही नही उन्होंने दावा किया है कि जिन 51 कारसेवको के इस घटना में मारे जाने की बात तत्कालीन मुख्यमंत्री ने किया था उन 51 लोगो में एक मैं खुद भी था।
उन्होने दावा किया कि गोधरा कांड में किसी कार सेवक को कुछ भी नही हुआ था। मेरे सहित सभी 51 कार सेवको को एक दिन पहले ही वापस बुलवा लिया गया था। उस दिन ट्रेन में जो कार सेवको के होने की बात है उसमे कार सेवक नहीं बल्कि सभी बरामद लाशें अज्ञात लावारिस और यतीम बच्चो की थी। उन्होंने कहा अगर कार सेवक मरे तो सरकार ये क्यों नही बताती है कि वो कार सेवक कहा के थे, उनके परिजन कहा के है। उन्होंने दावा किया कि हिन्दू ह्रदय सम्राट की उपाधि पाने के लिए मोदी ने यह साजिश रची थी जिसके मुख्य रचनाकार नरेन्द्र मोदी और प्रधान गोवर्धन जड़यक्य थे।
लाल भाई बोदर ने कहा कि मैं भी बहक गया था और मेरा भी ब्रेंन वाश संघ द्वारा कर दिया गया था। अब मैं अपने पापो का प्रायश्चित करना चाहता हु। अब मुझको अहसास हुआ है कि मुझसे कितना बड़ा पाप हो गया है। उन्होंने कहा मैं अपने पापो का प्रायश्चित करने के लिए काशी आया हु। मैं काशी की जनता को घूम घूम कर गोधरा का सच बताऊंगा। उन्होंने कहा कि मुझको पता है कि मुझे संघ और भाजपा जान से मरवा सकती है मगर मैं अब इसकी चिंता नही कर रहा हु। शायद ये मेरे पापो का प्रायश्चित होगा।
उन्होंने दावा किया कि हमको बताया गया और हमारा ब्रेंन वाश किया गया था। कहा गया था कि हिन्दू को मार कर ही हिन्दू भावना को भड़काने का षड़यंत्र बना था। दावा किया कि गोधरा काण्ड के वजह से हिन्दू भावनाओ को भड़का कर हिन्दुओ का वोट बटोरने की भाजपा और संघ की साजिश का हिस्सा गोधरा काण्ड था। उन्होंने कहा कि गोधरा काण्ड के तरह से शंका है कि मोदी ने पुलवामा हमला भी करवाया होगा। उन्होंने दावा किया कि पुरे गुजरात में कोई भी कारसेवक मरा ही नहीं सभी 51 कारसेवक जिंदा है और सुरक्षित है।
लाल भाई वोदर ने कहा कि सरकार के दावो के अनुसार मरे 51 कारसेवको की मौत का मामला अगर सही है तो फिर मैं खुद जो उस कारसेवा में गया था और उन 51 कारसेवको में एक मैं भी था, तो मैं कैसे जिंदा हु। उन्होंने दावा किया कि इसका सभी रिकार्ड सचिवालय में सुरक्षित है और सरकार उसको जग ज़ाहिर करे।
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