प्रयागराज की गैंगरेप पीड़ित मेडिकल छात्रा को सरकार दे आर्थिक मदद- हाइकोर्ट

तारिक़ खान

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज की गैंग रेप पीड़ित मेडिकल छात्रा को आर्थिक मदद देने की माँग को स्वीकार करते सरकार को फटकार लगाते हुए तत्काल आर्थिक मदद देने के लिए आदेश पारित किया।और कहा कि आप को सभी पीड़िताओं को आर्थिक मदद देनी पड़ेगी जो पीड़िता का अधिकार है और सरकार की जिम्मेदारी भी।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति एस एस शमशेरी की खंडपीठ ने अधिवक्ता सुनील चौधरी की जनहित याचिका पर दिया है।याची का कहना है कि दिल्ली के निर्भया गैंग रेप प्रकरण की तरह प्रयागराज में भी एक मेडिकल छात्रा के साथ 10 लोगो ने चलती बस से जबरन उतारकर अपनी कार में अगवा कर मारा पीटा, जबरन शराब पिलाई ,जब छात्रा चिल्लाने लगी तो अपराधियो ने चेहरे को सिगरेट से दाग दिया और मुँह पर तेजाब फेंकने की धमकी दी। इस घटना पर प्रदेश के कई सामाजिक संगठन व वाराणसी से चल कर आये “सरदार सेना” के रास्ट्रीय अध्यक्ष आर एस पटेल व इंजीनियर सुनील सिंह के साथ साथ ,कई महिला संग़ठन से जुड़ी महिलाए लखनऊ हाइकोर्ट से चल कर आये अरुण पटेल ,आंदोलन के संरक्षक के रूप में पूर्व कमिश्नर बादल चटर्जी, पूर्व कमिश्नर आर.एस.वर्मा,पूर्व डी. आई.जी. अशोक कुमार शुक्ला जी,आंदोलन के मशाल को अग्नि दिया , व अन्य सैकड़ों लोगो ने अधिवक्ता सुनील चौधरी के नेतृत्व में बैनर पोस्टर तख्ती ,हाथों में मशाल लेकर महिला दिवस की पूर्व संध्या 7 मार्च को शाम 6 बजे डफरिन हॉस्पिटल से कोतवाली तक जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति पर आंदोलन का संचालन कर रहे प्रखर वक्ता अध्यापक इमरान खान पामाल , मशाल जुलूश निकालकर मांग किया था कि पीड़िता को कम से कम 50 लाख रुपए आर्थिक मदद ,सरकारी नोकरी,अपराधियो की गिफ्तारी,परिवार को सुरछा और मुकदमे को फास्टट्रैक कोर्ट में चलाया जाए।

आंदोलन में जुड़े मुख्य रूप से सोसल मीडिया व लाइव रिकॉर्डिंग का कार्य छात्र नेता सद्दाम ने किया था और सहयोगी के रूप में प्रखर श्रीवास्तव के साथ,अधिवक्ता इक़्तेदार अहमद व अन्य कई लोग भी मोजूद रहे। लेकिन आंदोलन को दबाने के लिए सरकार ने सभी आंदोलन कारी लोगो के खिलाफ FIR दर्ज कर ली थी।

याची ने बताया कि घटना के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन की तैयारी चल रही थी जिस पर पूरा छेत्र छावनी में तब्दील था दूसरे दिन सारे अधिकारी महाकुंभ थानां झूसी के छेत्र आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी जी की सुरछा में लगे थे ।और पीड़िता का fir दर्ज नही कर रहे थे।जब झूसी थाने का घेराव किया गया तो fir दर्ज हुआ।

याची अधिवक्ता सुनील चौधरी ने न्यायालय को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगे में गैंगरेप पीड़ित महिला बिलकिस बानो को ₹50लाख मुआवजा व सरकारी नौकरी दिए जाने का आदेश गुजरात सरकार को पारित किया है ।

उसी प्रकार पीड़िता को रानी लक्ष्मीबाई राहत कोष के अलावा भी सरकार आर्थिक मदद दे।जिस पर सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा कि फण्ड न होने के कारण पैसा नही दिया गया जिस पर मुख्य न्यायाधीश ने फटकार लगाते हुए कहा कि आप को सभी पीड़िता को मुआबजा देना होगा।जिस पर अपर महाधिवक्ता ने बताया कि उत्तरप्रदेश सरकार 1 लाख रुपए की मंजूरी कर दी है और जल्द 6 लाख रुपए चार्ज सीट लगने पर दे देगी। साथ ही यह भी कहा कि याची की मांग पर उत्तरप्रदेस सरकार विचार कर दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 354 A के तहत भी अलग से पीड़िता को मुआबजा देगी।अगली सुनवाई 24 मई तय की गई जिस पर सरकार पीड़िता को आर्थिक मदद देकर जवाब दाखिल करेगी।

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