तारिक़ खान
प्रयागराज..
झुलसाती गर्मी और गर्म हवा के थपेड़ों के बीच आखिरकार राहत भरी खबर आ गई है। लंबे इंतजार के बाद मॉनसून ने देश में दस्तक दे दी है। मौसम विभाग के मुताबिक मॉनसून केरल के तटीय इलाकों से शनिवार को टकरा गया और रिमझिम बारिश शुरू हो गई। हालांकि उत्तर भारत के लोगों को अभी कुछ दिन और गर्मी की उमस झेलनी होगी और मॉनसून के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। केरल में भी मॉनसून पूरे एक सप्ताह की देरी से पहुंचा है। मौसम विभाग ने बताया कि केरल से मॉनसून की शुरुआत हो गई है और जल्द ही यह अपनी रफ्तार पकड़ लेगा। मॉनसून के आने से सूखे से प्रभावित पश्चिमी क्षेत्र और दक्षिण भारत को राहत मिली है, जहां जलाशयों का जल स्तर काफी निचले स्तर पर पहुंच चुका है।केरल में मॉनसून पहुंचने के बाद मौसम विभाग ने चार जिलों में रेड अलर्ट घोषित किया है। मौसम विभाग के मुताबिक, केरल के एर्नाकुलम में 11 जून, त्रिशूर में 10 जून, मलप्पुरम में 11 जून और कोझिकोड में 11 जून को रेड अलर्ट का ऐलान किया गया है। इनके अलावा लक्षद्वीप को भी 9 और 10 जून को रेड अलर्ट के तहत रखा गया है। रेड अलर्ट घोषित होने के बाद प्रशासन मॉनसून को लेकर तैयारियों में लग गया है। मौसम विभाग ने शनिवार को पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा केरल, लक्षद्वीप और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। अगले 48 घंटे में मॉनसून के भी रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है।मॉनसून एक्सप्रेस के केरल पहुंचने के बाद मौसम विभाग का कहना है कि इसके दिल्ली पहुंचने में अभी थोड़ा समय लग सकता है। वैसे भी केरल में मॉनसून एक सप्ताह लेट है। इस वजह से गर्मी की मार झेल रहे दिल्ली-एनसीआर के लोगों को अभी थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा। मौसम विभाग के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि सामान्य रूप से, मॉनसून 29 जून तक दिल्ली-एनसीआर में पहुंच जाता है। चूंकि इसके दक्षिणी भाग में पहुंचने में देरी हुई है, इसलिए मॉनसून के उत्तर-पश्चिम भारत तक पहुंचने में दो तीन दिन ज्यादा लग सकते हैं। कहने का मतलब यह है कि मॉनसून 1 जुलाई तक ही दिल्ली-एनसीआर में पहुंच पाएंगा।वहीं, 14-15 तारीख तक मॉनसून महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बिहार पहुंचेगा। इसके बाद 20-22 जून तक देश के बाकी राज्यों मे पहुंच सकता है। गुजरात और मध्य प्रदेश के कई इलाकों में मॉनसून 20 जून के बाद पहुंचने का अनुमान है। जम्मू-कश्मीर में भी मॉनसून के 1 जुलाई तक पहुंचने का अनुमान है। विभाग विभाग का कहना है कि अल नीनो और ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से इस साल मॉनसून कमजोर रहेगा। उम्मीद है कि मॉनसून की बारिश करीब 93 प्रतिशत रहेगी जो औसत से कम है। मौसम विभाग के मुताबिक मॉनसून के आने के बाद जून में बारिश थोड़ी कम होगी। हालांकि मॉनसून की दस्तक के साथ ही उत्तर भारत में गर्मी से हल्की फुल्की राहत मिलनी शुरू हो जाएगी।
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