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चिरपरिचित अंदाज़ में दिखाई दिये पहले ही दिन अनुराग आर्या, चार पुलिस कर्मियों को किया निलंबित

आसिफ रिज़वी

मऊ : वाराणसी से लेकर कानपुर तक अपने अंदाज़ और तुरंत निर्णय लेने के लिये ख्याति प्राप्त कर अपनी छाप छोड़ने वाले आईपीएस अनुराग आर्या आज मऊ में अपना कार्यभार ग्रहण करने के बाद आज पहले ही दिन क्षेत्र के दौरे पर निकल पड़े।  उनके इस दौरे में उनका सामना ढीली-ढाली पुलिसिग, गंदे थानों, बिखरे अभिलेखों व अव्यवस्था से घिरे तंत्र से हुआ। नवागत पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्या ने आते ही अपने तेवर दिखाए और चार पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित कर दिया। चार्ज लेते ही शहर के तीनों थानों के निरीक्षण को निकले पुलिस अधीक्षक ने एक सप्ताह के भीतर थानों में कमिया सुधारने की चेतावनी दी।

पुलिस अधीक्षक थाना दक्षिणटोला पहुंचे तो वहां परिसर में ही डायल 100 के दो वाहन पीआरवी 2254 व 2255 खड़ी मिलीं। इस पर उन्होंने उपनिरीक्षक उमाशंकर तिवारी व कांस्टेबल हरिशचंद्र भास्कर तथा दूसरे वैन के उपनिरीक्षक सिरपत राम व कांस्टेबल पंकज चौहान को निलंबित कर दिया। दो अन्य सिपाहियों को काम में लापरवाही मिलने के कारण लाइन हाजिर कर दिया। नवागत पुलिस अधीक्षक के कोतवाली पहुंचने के ही वहां हड़कंप मच गया। पुलिस अधीक्षक ने वहां खड़ी बोलेरो पर जमी धूल देखा तो उसका गेट खोलने को कहा। गेट इस कदर जाम कि वह खुले क्यों। इसके बाद एसपी ने सबको बाडी प्रोटेक्टर पहनने को कहा तो घबराहट में कोतवाल भी ठीक से बाडी प्रोटेक्टर नहीं पहन सके।  परिसर में गंदगी, कूड़ा देखते ही वे भड़क उठे। अभिलेखों का रख-रखाव भी दुरुस्त नहीं था। ड्यूटी रजिस्टर आदि भी जैसे-तैसे थे।

थानों के निरीक्षण के बाद पुलिस लाइन में मीडिया से मुखातिब पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्या ने कहा कि उनकी प्राथमिकता कानून-व्यवस्था में सुधार लाना है और यह होगा स्मार्ट व सु²ढ़ पुलिसिग से। इसके लिए सबको अपनी आदतें बदलनी होंगी, खुद में सुधार लाना होगा। थाने तक आने वाले हर व्यक्ति को न्याय मिले, उसकी गुहार सुनी जाय, मुकदमा दर्ज किया जाय। इसके लिए हर थाने में जनसुनवाई अधिकारी बनाए जाएंगे। इसके लिए एक वरिष्ठ दारोगा को जिम्मेदार बनाया जाएगा। उनका काम होगा, थाने में तहरीर लेकर आने वाले का मुकदमा दर्ज करवाना तथा उसका फालोअप करना। वे पीड़ित को फोन करके पूछेंगे कि उनके यहां पुलिस पहुंची थी या नहीं। हर महीने में 10 फीसद मुकदमा अधिक दर्ज करने का लक्ष्य दिया जाएगा। थानों में खान-पान, बैरकों की व्यवस्था, सुविधा ठीक कराई जाएगी। अवैध शराब के विरुद्ध अभियान चलेगा। कोई भी अवांछित तत्व बख्शा नहीं जाएगा।

बताते चले कि अपने कानपुर में कार्यकाल में आईपीएस अनुराग आर्या सटोरियों पर कहर की तरह टूटे थे।  दशको से पैर जमा कर बैठे सट्टा माफियाओं के खिलाफ अनुराग आर्या द्वारा ऐसा अभियान चलाया गया कि सट्टा माफिया शहर छोड़ कर भाग खड़े हुवे।  नवागत पुलिस अधीक्षक के लिए पूर्वांचल कोई नया नही है।  ट्रेनिंग के दौरान वह वाराणसी में पोस्टेड रहे है।  इस कारण उनको पूर्वांचल की आबोहवा का पहले से ही अनुमान है।

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