फारुख हुसैन
लखीमपुर खीरी. इस तस्वीर में जो एक शख्स उदास परेशान दिखाई दे रहा है, वह एक मजबूर बाप है। उसके गोद में उसका खुद का बेटा होगा आप यही सोच रहे होंगे न। नहीं साहब इस शख्स के गोद में उसका बेटा नही बल्कि बेटे की लाश है। जी हां, सभी सुविधाये भले ही प्रदेश सरकार जनता के लिए उपलब्ध करवाये मगर नौकरशाही के भेट सब कुछ चढ़ जाता है। एक मजबूर गरीब बाप को फिर अपने बेटे की लाश को अपने गोद में लेकर जाना पड़ता है।
दरअसल ये पूरा मामवा 25 जून का है।जहां जिले के ही थाना नीमगांव में रहने वाले तैयब खां के सात साल के बेटे सज्जाद की जिला अस्पताल के चिल्ड्रेन वार्ड में चल रहे इलाज के दौरान मौत हो गई। मौत होने के बाद बच्चे के पिता को काफी देर तक शव वाहन दिलाने के नाम पर इंतजार कराया गया। इसके बाद भी शव वाहन न मिलने से परेशान पिता बेटे की लाश को गोद में लेकर अस्पताल में इधर उधर चक्कर लगता रहा।
जब आखिरकार शव वाहन नहीं मिला तो थक-हार कर पिता ने अपने एक रिशतेदार को फोन किया। उसके बाद रिश्तेदार जब बाइक लेकर आया तो पिता उस पर ही बेटे की लाश लेकर घर गया। इस दौरान आम जनता ने उसकी तस्वीरे लिया और वीडियो बनाया। अब ये तस्वीर और वीडियो एक बेबस पिता का सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
वैसे लखीमपुर के जिला अस्पताल से आई ये तस्वीर पहली नहीं है। इससे पहले भी कई बार ऐसी तस्वीरें सामने आती रही हैं। बावजूद इसके स्वास्थ्य महकमा है कि अपनी गलतियों को सुधार नहीं रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद निर्देश दिए हैं कि मरीजों हर सुविधा मुहैया होनी चाहिए, लेकिन लापरवाह अधिकारी सरकार को पलीता लगा रहे हैं।
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