मुकेश यादव
मधुबन(मऊ) : तहसील क्षेत्र के मधुबन-दोहरीघाट मार्ग स्थित उंदुरा गांव में दो प्रसिद्ध मुस्लिम सन्तों की मजार पर दो दिवसीय ऐतिहासिक वार्षिक उर्स की तैयारियां पूरी कर ली गई है। मेले में पूरे देश के हर कोने से जायरीनों के आने का सिलसिला अभी से शुरू होने से मेले जैसा माहौल व मजार की रौनक़ अभी से बढ़ गई है। अकीदतमंदो की सुरक्षा के लिए पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियों को अभी से अमली जामा पहनाया जा रहा है। वहीं मजार के गद्दीनसीन खुद भी सुरक्षा के लिहाज से मुस्तैद है।
दो प्रसिद्ध सूफी संतों में एक का 71 वां व दूसरे संत का 33 वां उर्स का लगने वाला दो दिवसीय ऐतिहासिक मेला ईद के बीसवें शौवाल पर 23 व 24 जून को शुरू होगा। उर्स के एक सप्ताह पूर्व से ही अकीदतमंदों का रैला आना शुरू हो गया है। अभी उर्स शुरू होने में पांच दिन का समय बाकी है। साम्प्रदायिक एकता की मिसाल दोनों फकीरों की उंदुरा स्थित मजार से सटे हिन्दू धर्म से सम्बंधित डीह स्थान की भी अहमियत है। इस रमणीक मजार पर देश के सभी कोने से अकीदत मंदों का हुजूम उमड़ने लगा है।
इनमें कोलकाता, बिहार, मुम्बई, उड़ीसा, झारखंड, वाराणसी, फैजाबाद, बाराबंकी, गोरखपुर, माले गांव आदि नगरों व महानगरों से लोगों का आने का सिलसिला जारी है। चाक-चौबंद सुरक्षा के लिए, साफ-सफाई, रोशनी लंगर की व्यवस्था सज्जादहनसीन (मठाधीश) शाह मुहम्मद इजहार अहमद मोईनी करते हैं। इस स्थान की विशेषता लोगों के लिए आस्था व विश्वास का प्रतीक है।
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