फारुख हुसैन
सिंगाही खीरी। आवास मानव की मूलभुत आवश्कता है और हर व्यक्ति का एक सपना होता है कि स्वयं का मकान हो व अपना मकान बनने के बाद उसमें आत्मसम्मान से रह सके। हर व्यक्ति जीवन भर की कमाई को दांव पर लगाकर अपने परिवार के लिये अच्छा मकान बनाने का प्रयास करता है।
कई व्यक्ति तमाम प्रयासों के बावजूद पक्के मकान के अधूरे सपने के साथ ही दुनिया से विदा हो जाते हैं। गरीब, मजदूर तथा छोटा-मोटा रोजगार करने वालों के लिये भी पक्का मकान बनाना दिन में तारे देखना जैसा है। लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना ने गरीबों को पक्के आवास देकर उन्हें सुविधा तथा सुरक्षा दी है। अब हजारों गरीबों को पक्के आवास के सपने साकार हो रहे हैं। सिंगाही कस्बे में अब तक लगभग नौ सौ आवास बनकर गरीब पात्र लोगों ने आवास में गृह प्रवेश कर अपना जीवन यापन करने लगे है।
वार्ड नंबर 5 के शममु ने पीएम आवास योजना के मकानों में प्रवेश किया तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। किसी ने कथा कराकर गृहप्रवेश किया तो किसी ने इस मौके को खास अंदाज में मनाया और रिश्तेदारों को दावत पर बुलाया। लोगों ने अपने अपने तरीके से इन मकानों को सजा रखा था।
प्रधानमंत्री आवास योजना से अपना पक्का आवास पाकर गदगद हुए वार्ड नं दो के रामनिवास ने कहा कि हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि हमें पक्का आवास मिलेगा। मेहनत मजदूरी करके बड़ी मुश्किल से परिवार पल रहा है। हमारे पास कभी इतने रूपये नहीं थे कि मकान बन सके। लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना ने हमें पक्का मकान दिया है। इसके लिये प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी का जितना भी धन्यवाद किया जाय कम है।
वार्ड नं नौ के लाभांवित नबी अहमद ने कहा कि जगह होने के बाद भी किराये के मकान में रहे लेकिन अब हम अपने मकान के मालिक हैं। सरकार ने बहुत ही सुंदर तथा मजबूत मकान दिये हैं। इसमें सभी सुविधाएं हैं। गरीबों के लिये सरकार ने मकान देकर बहुत बड़ी सुविधा दी है। लाभार्थी नरेश कुमार ने बताया कि मेरा परिवार टेंट में रहकर अपना गुजारा कर रहा था। प्रधानमंत्री आवास योजना ने उनके परिवार को आशियाना दिला दिया है। घर मिलने से हमारा परिवार बेहद खुश है। उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी का शुक्रिया भी अदा किया है।
आमिना खातून का कहना है कि मोदी सरकार का हम शुक्रिया अदा करते हैं कि उनकी योजना की वजह से ही हमारे सिर पर छत आई है। वहीं आमिना के पड़ोसियों ने भी इस पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा है कि वो आमिना को घर मिल जाने से बहुत खुश हैं, क्योंकि आमिना के पति की मृत्यु के बाद से ही वो टेंट में रहकर अपना गुजारा कर रही थी।