तारिक आज़मी
वाराणसी. लक्सा थाना क्षेत्र में स्थित नई सड़क के काजीपुराकला के रहने वाले वृद्ध नईम अहमद (80) वर्ष की आज संदिग्ध परिस्थितयो में मौत हो गई। मृतक के कोई आल औलाद नहीं थी। घटना आज सोमवार को दोपहर लगभग डेढ़ बजे प्रकाश में आई। मृतक के भतीजे और उसके ससुराली रिश्तेदार अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे इसी दौरान मृत्यु की सुचना मृतक के अन्य रिश्तेदारों को मालूम चल गई, सुचना पर पहुचे रिश्तेदारों को मृतक के शरीर पर लगी चोटों से संदेह हुआ और पुलिस को मामले की सुचना दिया। मौके पर पहुची पुलिस ने लाश को सील कर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया। समाचार लिखे जाने तक पोस्टमार्टम होकर मृतक सुपुर्दे ख़ाक हो चूका था। मगर अपने पीछे कई सवाल छोड़ गया था।
कौन था मृतक
मृतक के कोई बाल बच्चे नही थे। प्राप्त सूचनाओं के अनुसार मृतक की तीन शादी हुई थी मगर तीनो लम्बे समय तक नही चल सकी। मृतक के दो शादियों में तलाक हो गया और तीसरी पत्नी जो गाजीपुर की रहने वाली थी मर गई। उस घटना में मृतक के ऊपर दहेज़ हत्या का केस भी लगा था और उसको जेल भी जाना पड़ा था। बाद में मामले में शिकायतकर्ता से सुलह हो गई थी और वादी मुकदमा ने केस वापस ले लिया था। इसके बाद मृतक ने अपना घर दुबारा बसाने की कोशिश ही नहीं किया था।
मृतक पोस्टग्रेजुएट था और बच्चो को ट्यूशन पढ़ा कर अपना पालन पोषण करता था। माँ की मृत्यु मृतक की तीसरी शादी के पूर्व ही हो चुकी थी। सपत्ति के नाम पर मृतक के पास उस पैत्रिक आवास का आधा हिस्सा था। पारिवारिक सूत्रों के हवाले से आई खबरों के मुताबिक मृतक को कई बार बिल्डर्स के द्वारा हिस्सेदारी में भवन निर्माण का आफर मिल चूका था। परन्तु मृतक को अपने पैत्रिक आवास से काफी लगाव था और वह उस आवास को छोड़ना नही चाहता था। आँखों की रोशनी कम होने के कारण ट्यूशन पढ़ाने में दिक्कत आने के बाद मृतक ने लगभग तीन सालो से ट्यूशन पढ़ाना छोड़ दिया था। वही भोजन हेतु दोनों समय अपने रिश्ते के भांजे के पास में ही स्थित आवास पर जाकर भोजन करता था। गरीबी में जीवन यापन करने वाले मृतक नईम ने कभी अमीर होने की नही सोची और खुद जीवन भर गरीबी में गुज़ार दिया। मृतक मात्र दो भाई थे। बड़े भाई नसीम अहमद से एक अविवाहित पुत्री और एक विवाहित पुत्र है। बड़े भाई और भौजाई का देहांत कई वर्ष पहले ही हो चूका है। परिवार के नाम पर घर में मात्र भतीजे की पत्नी उसके दो छोटे बच्चे और एक भतीजी ही है। ये ही परिजन है। मकान पुराना और जर्जर है तथा मकान में तीन कमरे है। ऊपर छत के कमरे में मृतक रहता था। नीचे भाई के बच्चे रहते थे।
मृत्यु की जगह पड़ा खून धोया परिजनों ने
परिजनों के अनुसार मृत्यु छत पर हुई थी। उनका कहना था कि शायद रात को किसी समय उठने में गिर जाने से मौत हो गई होगी। वही लोगो ने ये भी बताया कि जहा मृत्यु हुई थी वहा छत पर काफी खून पड़ा था और मृतक को काफी चीटिया लपटी थी। परिजनों ने पुलिस के पहुचने से पहले ही खून साफ़ कर दिया। वही सूत्र बताते है कि कुछ खून से सने गद्दे कूड़ेखाने पर भी फेके गए है। परिजन और मृतक के भतीजे के ससुराली रिश्तेदार पोस्टमार्टम नही करवाने हेतु काफी प्रयासरत दिखाई दे रहे थे। ख़ास तौर पर मृतक के भतीजे का एक साला जिसका नाम भी नईम है और नईम का साला राशिद विशेष विरोध कर रहे थे।
किया पत्रकारों से अभद्रता (वीडियो साक्ष्य उपलब्ध)
घटना की सुचना पर समाचार संकलन करने पहुचे पत्रकारों से नईम और उसके साले राशिद ने जमकर अभद्रता और गाली गलौंज तक किया। यहाँ तक कि नईम ने तो कुछ पत्रकारों को जान से मारने की धमकी तक दे डाली। (वीडियो उपलब्ध) सबसे अचम्भे की बात तो ये रही कि खुद को स्टेट मीडिया अखबार का पत्रकार बताने वाले राशिद ने लक्सा इस्पेक्टर राकेश सिंह के सामने ही एक पत्रकार को गाली गलौज देते हुवे जान से मारने की धमकी दिया। वही दूसरी तरफ राशिद के जीजा नईम ने एक महिला पत्रकार के साथ अभद्रता किया। कुछ देर के लिए मौके पर काफी उहापोह की स्थिति हो गई थी। पत्रकारों ने इसकी शिकायत क्षेत्राधिकारी से किया और लिखित तहरीर थाना लक्सा को प्रदान किया है। इसके बाद रात को हुवे सुपुर्दे ख़ाक में भी नईम, राशिद और उनके साथ आये एक दबंग युवक ने दो पत्रकारों को धमकी दिया। मालूम करने पर ज्ञात हुआ कि साथ आये अज्ञात युवक का नाम फ़य्याज़ है और वह जेल में बंद कुख्यात अमन का बचपन का दोस्त है। घटना के सम्बन्ध में स्थानीय थाने को तहरीर प्रदान किया गया है। माहोल तो इस प्रकार था कि खुद को स्टेट मीडिया नामक अखबार का बड़ा पत्रकार बता कर राशिद ने जमकर अभद्रता किया है। लगभग हर एक पत्रकार के साथ अभद्रता और उसको कवरेज से रोकने का प्रयास जीजा साले के द्वारा भरपूर किया गया।
क्यों है संदिग्ध मौत
जैसा आप फोटो में देख सकते है कि मृतक के शरीर पर कई जगह चोट का निशान है। यदि किसी के गिरने से इतनी चोट लगती है तो फिर उसी छत के नीचे आखिर परिजनों को इसकी धमक क्यों नही लग पाई। जबकि रमजान के चल रहे महीने में सभी मुस्लिम परिवार में सुबह तीन बजे के लगभग लोग सहरी के लिए उठते है। फिर आखिर दोपहर एक बजे तक परिजनों को मृत्यु की जानकारी न होना शक पैदा करता है।
मामला संपत्ति का भी हो सकता है
मृतक उपरोक्त संपत्ति का आधे का मालिक है। वही मृतक के रिश्तेदारों और हितैशीयो से हुई बात को आधार माने तो मृतक के भतीजे का साला नईम अपने खुद के विवाह के बाद इसी मकान में रहना चाहता था। उसके लिए उसने छत पर टीनशेड भी डलवाया था। एक रिश्तेदार ने बताया कि मृतक ने इसका कडा विरोध किया था और कहा था कि वह यहाँ नही रहेगा। ये बात मृतक ने खुद अपने एक रिश्तेदार को बताई थी। वही प्राइम लोकेशन में होने के कारण छोटी भूमि पर ही सही मगर संपत्ति की कीमत आसमान पर है। कई बिल्डर इस संपत्ति को बनाना चाहते है। मगर अपराध के रास्ते पर संपत्ति का निर्माण कोई बिल्डर नहीं करता यह भी कटु सत्य है। वही दूसरी तरफ भवन के छत पर बाहर से चढ़ना भी कोई कठिन काम नही है। पुलिस पोस्टमार्टम का इंतज़ार कर रही है।
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