आफताब फारुकी
हरिद्वार. पश्चिम बंगाल में ‘जय श्री राम’ के नारों पर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की आक्रोशित प्रतिक्रिया पर द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि इसे राम के खिलाफ ममता के विरोध के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह (ममता बनर्जी) राम का विरोध नहीं कर रहीं बल्कि भाजपा का विरोध कर रही हैं। वह पूरी तरह से राजनीतिक वजहों से ऐसा कर रही हैं।
शंकराचार्य ने भाजपा की शानदार जीत के पीछे ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप लगाया। उन्होंने कहाकि कम अंतर से जीत अधिक विश्वसनीय होती। इस तरह की जीत ईवीएम के बारे में उठाई जा रही शंकाओं को बल देती है। अगर लोगों का ईवीएम से भरोसा उठ गया है तो उन्हें बदल क्यों नहीं दिया जाता? उन्होंने राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बने रहने का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोगों की भारी उम्मीदों पर खरा उतरना होगा क्योंकि वह पिछली बार के मुकाबले ज्यादा बड़े जनादेश के साथ लौटे हैं।
शंकराचार्य ने कहा कि मोदी का मतलब है कि ऐसा व्यक्ति जो गोमांस का निर्यात रोकेगा, आतंकवाद खत्म करेगा, महंगाई पर लगाम लगाएगा, अनुच्छेद 370 रद्द करेगा और समान नागरिक संहिता लागू करेगा। अगर वह यह सब करने में नाकाम रहते हैं तो मोदी नाम का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि साई बाबा की बढ़ती लोकप्रियता हिंदू धर्म को खत्म करने की पूर्व नियोजित साजिश है।
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