बिना जागरुकता के बालश्रम निवारण समस्या का निस्तारण नहीं-प्रतिमा मौर्या
प्रदीप दुबे विक्की
【विश्व बालश्रम विरोध दिवस गोष्ठी सम्पन्न】
ज्ञानपुर, भदोही। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भदोही के तत्वाधान में आज बुधवार को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर श्रम विभाग बालीपुर रोड ज्ञानपुर में विधिक साक्षरता एवं बाल श्रम निषेध पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि दीपक कुमार रावत सदस्य बाल कल्याण समिति रहे।
श्री रावत ने सुरक्षा, शिक्षा एवं बेहतर भविष्य के लिए सब को जागरुक एवं सजग करने पर विशेष जोर दिये। इस क्रम में श्री राम निवास श्रम पर्वर्तंन अधिकारी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बाल श्रम की समस्या एवं रोकथाम के उपाय के बारे में विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। श्रम प्रवर्तन अधिकारी भदोही श्रीमती प्रतिमा मौर्य ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बगैर जागरूकता के बाल श्रम की समस्या का निराकरण संभव नहीं हो सकता है। कार्यक्रम का संचालन इंद्रजीत तिवारी द्वारा किया गया। इस अवसर पर वीरेंद्र प्रसाद यादव, रामविलास बिंद, शिवान अख्तर, दीपक मौर्या,अजय कुमार यादव जिला समन्वयक मानव संसाधन श्रीमती अर्चना सिंह सदस्य बाल कल्याण समिति भदोही श्रीमती किरण यादव विधि सहायक परवीक्षा अधिकारी मौजूद रहे।
बताते चलें कि बाल मजदूरी उन्मूलन के लिए दुनिया भर में 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है।बाल मजदूरी के खिलाफ जागरूकता फैलाने और 14 साल से उम्र के बच्चों को इस कान से निकाल कर उन्हें शिक्षा दिलाने के उद्देश्य से इस दिवस की शुरुआत वर्ष 2002 द इन्टरनेशनल लेबर आर्गनाइजेशन की ओर से किया गया था। इसमें आंकड़ों के हिसाब से अधिकांशतः बच्चे बदतर हालत मे काम कर रहे है।
भारत में एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग 7 से 8 करोड़ बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। संगठित अपराध का शिकार होकर बाल मजदूरी के लिए मजबूर किए जाते हैं,जबकि बाकी बच्चे गरीबी के कारण स्कूल का मुंह नहीं देख पाते। इतना ही नहीं सैकड़ों बच्चों को उनके अभिभावक अपने काम में मदद के लिए स्कूल ही नहीं भेजते। इसके अलावा हर साल हजारों बच्चों को तस्करी कर एक राज्य से दूसरे राज्यों को भेजा जाता है। यहां तक कि बाल मजदूरी और बाल वेश्यावृत्ति के लिए इनकी खरीद-फरोख्त की घटनाएं भी सामने आती रहती हैं। इसके लिए जिला प्रशासन को सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है।