तारिक आज़मी
मुम्बई. कर्णाटक के चलते सियासी घमासान के बीच जब किसी का ध्यान गोवा के तरफ भी नहीं था उसी बीच गोवा में कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। गोवा में कांग्रेस के 15 सांसदों में से 10 सांसदों ने अपना दल बदल कर भाजपा का दामन थाम लिया है। इस दल बदलने के कारणों पर चर्चा के दौरान भाजपा के खेमे में गये विधायको ने कहा है कि विपक्ष में रहने के वजह से क्षेत्र के विकास कार्यो पर असर पड़ रहा था।
गोवा कांग्रेस के 15 में से 10 विधायकों ने पार्टी छोड़ने से कांग्रेस को इस राज्य में एक बड़ा झटका लगा है। गोवा में अभी बीजेपी की सरकार है। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस के पास महज 5 विधायक रह जाएंगे। इसके बाद गोवा में बीजेपी को छोटे दलों से छुटकारा मिल जाएगा।
अब 40 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 27 विधायक हो गए हैं। इस दौरान दल बदलने वाले विधायको में एक चन्द्रकांत कावलेकर ने भाजपा में विलय का कारण बताते हुए कहा कि उन्होंने और अन्य विधायकों ने भाजपा में शामिल होने का फैसला इसलिये लिया क्योंकि विपक्ष में होने के कारण उनके निर्वाचन क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्यों में बाधाएं आ रही थीं।
नेता विपक्ष चन्द्रकांत कावलेकर के नेतृत्व में विधायकों का समूह बुधवार शाम विधानसभा अध्यक्ष से मिला और उन्हें कांग्रेस से नाता तोड़ने की जानकारी देते हुए एक पत्र सौंपा। गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता चन्द्रकांत कावलेकर समेत कांग्रेस के 10 विधायकों के साथ आए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने ऐलान किया कि कांग्रेस विधायक दल के दो तिहाई सदस्यों के समूह का भाजपा में विलय हो गया है। दो-तिहाई संख्या दल-बदल कानून के तहत होने वाली कार्रवाई से बचाने के लिये पर्याप्त है।
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