अनिला आज़मी
नई दिल्ली. सोमवार को आए आंकड़े बता रहे हैं कि दो महीनों में जीएसटी कलेक्शन औसतन करीब 14,000 करोड़ महीने कम हो गया है। वित्त मंत्रालय की दी जानकारी के मुताबिक अप्रैल 2019 में कुल GST कलेक्शन 1,13,865 करोड़ था जबकि मई 2019 में 1,00,289 हो गया और जून 2019 में घटकर 99,939 करोड़ रह गया है।
अब ख़बर ये है कि नए निवेश के लिए ज़रूरी संसाधन जुटाने के रास्ते खोज रही सरकार एस्टेट ड्यूटी या इन्हेरिटेंस टैक्स फिर से लाने पर विचार कर रही है। ये टैक्स दरअसल पैतृक संपत्ति पर लिया जाता है। इसे 1985 में खत्म कर दिया गया था। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली नीति आयोग में जमीन मामलों के अध्यक्ष टी हक का कहना था कि भारत में अभी 1 फीसदी लोग 58 प्रतिशत संपत्ति पर नियंत्रित करते हैं। ऐसे लोगों पर इन्हेरिटेंस टैक्स लगाना चाहिए। भारत मं टैक्स-जीडीपी अनुपात कम है, इसे बढ़ाना जरूरी है। इससे भारत में सामाजिक असमानता घटाने में मदद मिलेगी।
कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा का कहना है कि 34 साल इस टैक्स को फिर से लागू करना गलत होगा। यह मोदी सरकार को मिले बहुमत को अपमान करना और लोगों को धोखा देने वाली बात होगी। समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान का कहना है कि 1985 में इन्हेरेंटेंस टैक्स को खत्म कर दिया गया था क्या वह गलत था। उनका कहना है कि इस टैक्स को फिर से लागू करना गलत होगा।
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