अनिला आज़मी
भोपाल : भाजपा को मध्य प्रदेश में मिनी शक्ति प्रशिक्षण के तौर पर एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल पर ज़ोरदार झटका तब लगा जब भाजपा के दो विधायको ने कांग्रेस सरकार के पक्ष में अपना मतदान किया। सदन में विधेयक पर मत विभाजन के दौरान उसके दो विधायकों नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने अपना समर्थन मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत सरकार को दे दिया।
बुधवार शाम को पत्रकारों से बात करते हुए दोनों विधायकों ने इसे घर वापसी करार दिया, जबकि मध्य प्रदेश सरकार के खनन मंत्री प्रदीप जायसवाल, जो कमलनाथ सरकार का समर्थन करने वाले चार निर्दलीय विधायकों में से एक हैं, ने कहा कि कम से कम चार और बीजेपी विधायक जल्द ही कांग्रेस का दामन थामेंगे। इसी बीच, बताते चले कि विधानसभा में दंड विधि (मध्य प्रदेश संशोधन) विधेयक 2019 पर बसपा विधायक संजीव सिंह द्वारा मांगे गये मत विभाजन के दौरान कुल 122 विधायकों ने सत्तारूढ़ कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया।
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