के सिंह
मंदसौर: सोशल मीडिया जहा सुचना तंत्र की क्रांति के तौर पर जानी जाती है वही यह अफवाहों का अड्डा भी होता जा रहा है। किसी फोटो को एडिट करना अथवा किसी वीडियो को एडिट करके उसको विवादित बनाने में माहिर होती जा रही सोशल मीडिया अक्सर बड़े विवाद को जन्म दे देती है। ऐसी ही घटना मध्य प्रदेश के मंसौर में हुई थी। विगत दिनों सोशल मीडिया पर एक मदरसे के बच्चो का वीडियो वायरल हो रहा था जिसमे बताया जा रहा था कि अमुक मदरसे के बच्चे पाकिस्तान जिंदाबाद का कथित तौर पर नारा लगा रहे है। इस वीडियो के वायरल होते ही यह जंगल में आग की तरफ वह्ट्सअप यूनिवर्सिटी के एक क्लास से दुसरे क्लास (ग्रुप) की सैर करना चालु कर दिये थे। वीडियो के सम्बन्ध में स्थानीय संगठन ने मंदसौर में सिखायत भी दर्ज करवाई गई थी।
घटना कुछ इस प्रकार की थी कि खानपुर के मदरसे में प्रबंधतंत्र उअर प्रिंसिपल साबिर पानवाला के बीच विवाद चल रहा था। प्रबंधतंत्र प्रिंसिपल को उनके पद से हटाना चाहता था। यह बात वह के तालिबो को नागवार गुज़र रही थी और वह पढाई चाहते थे न कि प्रबंधक और प्रिंसिपल के बीच विवाद। इस बीच बच्चो ने अपने प्रिंसिपल के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया जिसमे उन्होंने प्रिंसिपल साबिर पानवाला के जिंदाबाद के नारे भी लगाये थे। इस प्रदर्शन में बच्चो ने “साबिर साहब जिंदाबाद” के नारे बुलंद किये। इसी वीडियो को किसी ने खास मकसद के तहत छेड़छाड़ करके उसमें से “साबिर साहब को कथित रूप से “पकिस्तान” में तब्दील कर दिया। इसके बाद इसको सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जमकर वायरल कर दिया गया।
वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय निवासियों ने मंदसौर पुलिस से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें मदरसे के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जांच शुरू कर दी। जांच के बाद सीएसपी नरेंद्र सोलंकी ने बताया कि “हमने वीडियो को स्लोमो-लिप सिंक कर फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से कई बार फिर से सुना, जिसके बाद यह स्पष्ट हो गया कि बच्चे साबिर साहब जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे, न कि पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे।”
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