फारुख हुसैन
पलिया कला खीरी/ भारत नेपाल सीमा पर बसे थारू जनजातिय गांवों की शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। नन्हे मुन्ने बच्चे पढ़ने तो आते हैं लेकिन विद्यालय में भरे पानी को देखकर जैसे तैसे वह अपने क्लास रूम में पहुंच रहे हैं, बच्चों का कहना है घर से साफ ड्रेस पहन कर आओ और सब गीले और गंदे हो जाते हैं
वहीं प्राथमिक विद्यालय छेदिया पूरब के प्रधानाचार्य बेबी कुमार का कहना था कि हमने अपने उच्चाधिकारियों को जलभराव संबंधित सूचना दे दी है लेकिन विद्यालय में घुटनों से ऊपर पानी भरा होने के कारण बच्चों और टीचर को परेशानी ही परेशानी है कैसे पढ़ाई हो शिक्षा व्यवस्था में जलभराव पूरी तरह बाधक सिद्ध हो रहा है!
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