तारिक आज़मी
अगर व्यक्तिगत भ्रष्टाचार की बात करे तो भले रेल मंत्री जितने भी दावे करे, मगर ट्रेनों में सीट के जद्दोजहद में भ्रष्टाचार कई बार उजागर हुवा है। इसका एक बड़ा नमूना आज मिला है देखने को जब एक टीटी का खुल्लम खुल्ला घुस लेता वीडियो आज सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। (PNN24 न्यूज़ वायरल वीडियो की सत्यता को प्रमाणित नही करता है, और इसके सत्य होने अथवा न होने का दावा नही करता है) वीडियो में ये भदेस शख्स टीटी नहीं बल्कि एक लुटेरा दिखाई दे रहा है। जिसके सामने निरीह एक बुज़ुर्ग अपने हाथ जोड़ रहा है। मगर उसके द्वारा निकाले गए सभी रुपया उसके हाथ से ये टीटी छीन लेता है और उस बुज़ुर्ग के लाख मिन्नत करने के बाद वह उसको मात्र 100 रुपया वापस करता है।
देखे वायरल वीडियो
वीडियो देखने से यह साफ़ अहसास होता है कि उक्त बुज़ुर्ग किसी अरक्षित कोच में चढ़ गया होगा। एक गरीब बुज़ुर्ग शख्स के पास से घुस नही इसको आप लूट का नाम दे सकते है। इस ज़ालिम टीटी के सम्बन्ध में सूत्र बताते है कि यह दींन दयाल उपाध्याय (मुग़लसराय) स्टेशन का टीटी है।
सूत्रों ने बताया कि यह वही शास्त्री नगर में रहता है और इसका एक बड़ा डायलाग सिंह इज किंग है। सज्जन कहकर इस घुसखोर दिखाई दे रहे शख्स की शान में इजाफा करके सज्जनों पर एक कलंक तो लगाया नही जा सकता है। मगर सूत्र बताते है कि ऊँची पोलिटिकल पहुच की धौस दिखाने वाला ये टीटी बड़े बड़े नेताओ का खुद को करीबी रिश्तेदार बताता है। मौसम के तरह रिश्तेदारी भी यह सत्तारूढ़ दल के हिसाब से बदलता रहता है।
सूत्रों की माने तो शास्त्री नगर में निवास करने वाले इस टीटी के पास आय से कही अधिक संपत्ति है। कई बड़े भ्रष्टाचार के आरोप लगे है मगर ये अपनी पकड़ का फायदा उठा कर काम चला लेता है। गौर से देखे अगर वीडियो को तो किस तरह बुज़ुर्ग इंसान अपने जेब से जैसे ही पैसे निकालता है वैसे ही यह गिद्ध की तरह झपट्टा मार कर पैसे छीन लेता है। यही नहीं जब बुज़ुर्ग हाथ जोड़ कर गिडगिडाने की मुद्रा में आता है तो रोबिन हुड की तरह छीने गए पैसो में से मात्र 100 रुपया निकाल कर वापस करता दिखाई दे रहा है। उसके शब्द भी साफ़ समझ में आते है कि तो फिर टिकट बनवा लो। इससे यह तो समझ आ रहा है कि शायद बुज़ुर्ग अनारक्षित टिकट के साथ किसी अरक्षित कोच में चढ़ गया होगा जहा टीटी घूसखोरी का यह बुज़ुर्ग शिकार हो गया।
वीडियो वायरल होने के बाद दीनदयाल उपाध्याय (मुग़लसराय) रेल मंडल में प्रकरण की चर्चा जोरो पर है। टीटी के सहकर्मी ही दबी ज़बान से इसकी आदतों में शुमार बता रहे है। एक ने तो नाम न ज़ाहिर करने की शर्त पर यहाँ तक कह डाला कि बिहार में इसके ऊपर गंभीर मामले तक दर्ज है। अब देखना होगा कि रेल को पटरी पर लाने का सपना देखने वाले रेल मंत्री इस प्रकार से बेपटरी हुवे कर्मचारियों को कैसे पटरी पर लाते है अथवा फिर इसकी ऊँची पकड़ काम आती है और मामले को ठन्डे बसते में डाल दिया जाता है।
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