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शहर क़ाज़ी पर विवादित बयान देने वाले फैसल लाला के मुखालफत में आया अखिल भारतीय मुस्लिम महासंघ, कहा उनका चेहरा और चरित्र हुआ बेनकाब

गौरव जैन

रामपुर- अखिल भारतीय मुस्लिम महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष फरहत अली खाँ ने कांग्रेसी नेता फैसल लाला के द्वारा शहर काजी के खिलाफ दिए गए विवादित बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि फैसल लाला भाजपा सरकार का पुतला जलाकर और धरना प्रदर्शन कर विरोध जताते हैं, वहीँ दूसरी तरफ बार बार  लखनऊ जाकर भाजपा सरकार के आगे अपने संगरक्षण के लिए अपनी नाक रगड़ते है। उनका असली चेहरा और चरित्र दोनों आवाम के सामने बेनकाब हो चूका है।

उन्होंने कहा कि फैसल लाला मुस्लिम समाज के हम ओहदो का सम्मान भी नहीं करते। इससे फैसल लाला का चेहरा और चरित्र रामपुर में बेनकाब हो चुका है। इस्लाम में शहर काजी का जो रुतबा है वह एक न्यायधीश के सामान होता है, जिनके एक इशारे पर मुस्लिम अपने जान और माल कुर्बान कर देते हैं। हम कांग्रेसी नेता फैसल लाला के बयान की कड़ी निंदा करते हैं। उनके बयान जिसमे उन्होंने वीडियो जारी करके शहर काजी सैयद खुशनूद मियां के मुखालफत में बोला है, उससे साफ़ जाहिर होता है कि कांग्रेसी नेता सपा नेता का विरोध कर करके बेहद निराश और हताश हो चुके है और अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं।

उन्होंने कहा कि हम शहर क़ाज़ी सैयद खुशनूद मियां के साथ हैं और उनके एक इशारे पर हम मुस्लिम अपने खून का एक एक कतरा अल्लाह की राह में कुर्बान कर सकते हैं। कांग्रेस और उनके नेता फैसल लाला अल्लाह और क़ाज़ी ए शहर से माफी मांगे। अखिल भारतीय मुस्लिम महासंघ शहर काजी के साथ खड़ा है।

गौरतलब हो कि फैसल लाला ने शहर क़ाज़ी के मुखालफत में अपना एक वीडियो जारी करके उनके ऊपर पक्षपात करने का बड़ा आरोप केवल इस कारण लगाया है कि उन्होंने आज़म खान के कामो की तारीफ़ कर दिया था। इससे नाराज़ होकर फैसल लाला ने अपना खुद के बयान का वीडियो जारी करते हुवे शहर क़ाज़ी को उनके ओहदे तक से हटाने की अपील कर डाली थी। गौरतलब हो कि फैसल लाला सरकार बदलते के साथ ही पूर्व मंत्री आज़म खान के विरोध में खड़े होकर समय समय पर बड़े आरोप लगाते रहते है। देखा जाता है कि किसी के द्वारा अगर आज़म खान के खिलाफ शिकायत होती है तो उसके साथ फैसल लाला खुद अधिकारियो के पास जाते है। मगर इस बार लगता है कि शहर क़ाज़ी की मुखालफत करके मुस्लिम समाज के वह खुद निशाने पर आ गये है। प्रकरण में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रो में जमकर चर्चाओ का बाज़ार गर्म है।

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