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जमीनी विवाद में पुलिस पर हमला करने वाली महिलाओ ने अंततः किया न्यायालय में सरेंडर

नुरुल होदा खान

सिकन्दरपुर (बलिया)  थाना क्षेत्र के सिसोटार गांव में विगत दिनों जमीन के विवाद होने की सूचना पर पहुंची पुलिस पार्टी पर एक पक्ष की महिलाओं द्वारा ईट पत्थर लाठी-डंडे से हमला करने के मामले में गुरुवार को जमानत के लिए गई आठ महिलाओं को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जेल भेज दिया।

ज्ञात हो की सिसोटार गांव में जमीन के विवाद में पहुंची पुलिस पर एक पक्ष की महिलाओं द्वारा हमला कर दिया गया था जिसमें एक एसआई का सर फट गया वही दो महिला कांस्टेबल भी चोटिल हो गई जैसे तैसे पुलिस वहां से बचकर निकली थी वहीं घायल दरोगा व महिला कांस्टेबल का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकन्दरपुर में कराया गया था।  सिसोटार गांव निवासी उपेन्द्र राय व उसी गांव के बालेश्वर पासवान, भगवान पासवान, लल्लन पासवान के बीच जमीन का विवाद था। दोनों पक्ष के सहमति के बाद उपजिलाधिकारी के निर्देश पर उक्त जमीन की पैमाइश राजस्व विभाग व चकबंदी विभाग की टीम के द्वारा किया गया था और रिपोर्ट उप जिला अधिकारी को दी गई थी। उप जिलाधिकारी के निर्देश पर ही उपेन्द्र राय  द्वारा विगत 15 दिनों पहले से बाउंड्री का काम भी शुरू किया गया। तीन तरफ से बाउंड्री हो जाने के बाद जब आगे की बाउंड्री शुरू हुई, तो दूसरे पक्ष के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। जिसके बाद उपेन्द्र राय द्वारा इसकी सूचना उपजिलाधिकारी व पुलिस को दी गई।

सूचना पाकर पुलिस जब मौके पर पहुंची और काम रोकने से मना करने लगी तो महिलाएं उग्र हो गई। इसी दौरान दरोगा लाल साहब गौतम उनको महिला कांस्टेबल पल्लवी गुप्ता व प्रतीक्षा के साथ समझाने लगे तो महिलाएं महिला कांस्टेबल का बाल पकड़ कर जमीन पर पटक दिया। उसको छुड़ाने गए दरोगा पर भी पत्थर से हमला कर दिया गया। जिसमें दरोगा लाल साहब गौतम का सर फट गया था। घटना देख अन्य पुलिसकर्मी भी बचाने के लिए दौड़े तो  उनके ऊपर भी पत्थर चलाया गया। पुलिस वहां से किसी तरह जान बचाकर पीछे हट गई और पूरी घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को दिया, सूचना पर उपजिलाधिकारी सिकन्दरपुर राजेश कुमार यादव भी मौके पर पहुंच गए और घायल दरोगा व महिला कांस्टेबलों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकन्दरपुर में कराया गया। वही दरोगा की तहरीर पर पुलिस ने महिलाओं के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर लगातार दबिश दे रही थी। जिसके बाद आरोपी महिलाओं ने गुरुवार को मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट के यहाँ आत्मसमर्पण किया था। जहां से उनको जेल भेज दिया गया, जिसको लेकर पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है।

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