गौरव जैन
रामपुर- काशीराम आवास कालोनी के 211 परिवारों को पट्टा दिये जाने की मांग को लेकर मुस्लिम लीग के जिलाध्यक्ष फारूक मियां द्वारा की गई अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल को जिला प्रशासन ने ख़त्म तो करवा दिया है, मगर फारुख मियाँ खुद को ठगा महसूस करते हुवे कह रहे है कि जिला प्रशासन ने उन्हें धोखा देकर उनका आन्दोलन समाप्त करवा दिया।
दरअसल मामला ये है कि मुस्लिम लीग के जिलाध्यक्ष फारूक मियां शुक्रवार को पहाड़ी गेट स्थित काशीराम आवास कालोनी के गरीब बेसहारा वासियों को पट्टा दिये जाने की मांग को लेकर जिला प्रशासन के खिलाफ अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठ गये थे। शुक्रवार से रविवार तक फारूक मियां भूख हड़ताल पर बैठे रहें। फारूक मियां का आरोप हैं कि जिला प्रशासन ने उनको कलेक्ट्रेट स्थित डीएम कार्यालय पर वार्ता का आश्वासन देकर लिए बुलाया था, लेकिन जब वह डीएम कार्यालय पहुंचे तो कार्यालय में डीएम नहीं थे। बल्कि अन्य अधिकारियों ने उनके साथ बदसलूकी भी किया। भूख हड़ताल समाप्त नहीं की तो फर्जी मुकदमों में फंसा कर जेल भेजने की धमकी भी दिया।
उन्होने कहा कि जिला प्रशासन की धमकियों से वह डरने वाले नहीं हैं और हमेशा मजलूमों की लड़ाई लडते रहेंगे इसके लिए उन्हें अपनी जान देनी पड़ी तो वह पीछे नहीं हटेंगे। फारूक मियां ने कहा कि पहाड़ी गेट स्थित काशीराम आवास कालोनी के 211 परिवारों को जिला प्रशासन द्वारा पट्टा नहीं दिया जा रहा हैं जबकि उक्त परिवारों को आवास दे दिये गये हैं। अब सत्ता पक्ष के दबाव में आकर जिला प्रशासन उन 211 परिवारों को बेघर करने में लगा हुआ है। जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जायेगा। काशीराम आवास कालोनी के 211 गरीब परिवारों के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा।
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