आफताब फारुकी
जिब्राल्टर में अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को एक ईरानी तेल सुपरटैंकर को छोड़ दिया और उसके भारतीय कैप्टन एवं चालक दल के तीन अन्य भारतीय सदस्यों को रिहा कर दिया। ग्रेस 1 टैंकर के कैप्टन ने एक बयान में कहा कि मुझे रिहा किए जाने के लिए मैं आभारी और शुक्रगुजार हूं। मैं उन लोगों का आभारी हूं जिन्होंने मेरी रिहाई को संभव बनाया।
जिब्राल्टर सरकार के एक प्रवक्ता ने भी इस बात की पुष्टि की कि चालक दल के चार सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई समाप्त हो गई है। ब्रिटेन के अधीन आने वाले अर्द्धस्वायत्त क्षेत्र जिब्राल्टर ने जुलाई में ब्रिटिश रॉयल मरीन की मदद से ग्रेस 1 सुपरटैंकर को इस संदेह पर जब्त कर लिया था कि यह यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए सीरिया को तेल पहुंचा रहा है।
रिहा किए गए चालक दल के ये भारतीय सदस्य इसी सुपरटैंकर में सवार थे। जिब्राल्टर में सुनवाई के बाद क्षेत्र की स्थानीय शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया कि ईरान से यह औपचारिक लिखित आश्वासन मिलने के बाद टैंकर को छोड़ दिया जाना चाहिए कि पोत अपना सामान सीरिया नहीं लेकर जाएगा और ईयू प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं करेगा। जिब्राल्टर के मुख्यमंत्री फैबियन पिकार्डो ने कहाकि मुझे 13 अगस्त को ईरान का लिखित आश्वासन मिला कि ग्रेस 1 को छोड़े जाने पर उसे ऐसी जगह नहीं ले जाया जाएगा जिससे यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों का उल्लंघन हो। मैं इस आश्वासन का स्वागत करता हूं।
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